उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की महिला जज की वायरल चिट्ठी पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। बांदा की महिला जज की वायरल चिट्ठी पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया है और सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बांदा जिले की महिला सिविल जज ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति मांगी है। इस संबंध में उन्होंने एक चिट्ठी भेजी है, जिसमें जिला जज द्वारा यौन उत्‍पीड़न करने का भी गंभीर आरोप लगाया गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की महिला जज ने सीजेआई चंद्रचूड़ को लिखी चिट्ठी में आग्रह किया है कि उन्हें इच्‍छामृत्‍यु की अनुमति दी जाए। चिट्ठी में गंभीर आरोप लगाया गया है कि एक जिला जज द्वारा उसका यौन उत्पीड़न किया गया। महिला जज का आरोप है कि बाराबंकी में तैनाती के दौरान जिला जज द्वारा शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी गई। वे महिला जज को रात में मिलने को कहते हैं। महिला जज का कहना है कि इस बारे में उन्होंने कई बार शिकायत की थी, लेकिन अब तक उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। जिससे निराश होकर अब अंत में उसने मुख्‍य न्‍यायाधीश को पत्र भेजा है।

बताया जा रहा है कि गुरुवार की देर रात चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के सेकेट्री जनरल अतुल एम कुरहेकर को इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन से स्टेटस रिपोर्ट मांगने को कहा। एसजी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर महिला जज द्वारा दी गई सारी शिकायतों की जानकारी मांगी है। इसके साथ ही शिकायत से निपटने वाली आंतरिक शिकायत समिति के समक्ष कार्रवाई की स्थिति के बारे में पूछा है। उल्लेखनीय है कि महिला जज की चिट्ठी सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रही है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उठाया है।

 

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