महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 99 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। लेकिन टिकट ना मिलने से निराश नेताओं में असंतोष की लहर दौड़ गई।

सूची आते ही टिकट पाने के इच्छुक लोगों की भारी भीड़ बीजेपी नेता व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सरकारी आवास सागर पर उमड़ पड़ी। सागर पर भीड़ को देखते पार्टी में बगावत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। बगावत नहीं हो और पार्टी मिलकर चुनाव लड़े इसकी कमान महाराष्ट्र के प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव ने थाम ली है, लेकिन स्थिति उनके नियंत्रण में नहीं दिख रही है।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जिन इच्छुक लोगों को उम्मीदवारी नहीं दी है, जिन विधायकों के टिकट की घोषणा नहीं की है वे लोग सोमवार को सागर निवास पर पहुंच रहे हैं। फडणवीस से मिलकर उन्होंने अपनी बात रखी। फडणवीस ने भी उनकी बात सुनकर उन्हें आश्वासन दिया और सब्र रखने को कहा। साथ ही साथ कुछ लोगों को दूसरी जगह पर एडजस्ट करने का भरोसा दिलाया। वहीं जिन लोगों को उम्मीदवारी मिल गई है वे लोग पुष्पगुच्छ देकर फडणवीस का आभार प्रकट करने आए।

प्रदेश कार्यालय पर टिकट की मांग करने वाले पूर्व मंत्री राज के. पुरोहित सुबह ही सागर बंगले पर पहुंचे। वे कोलाबा या फिर मुंबा देवी से चुनाव लड़ना चाहते है। पहली सूची में बोरीवली के विधायक सुनील राणे के नाम की घोषणा नहीं की गई। उनके नाम को लेकर पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी का विरोध है। वे खुद ही विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। बताया जाता है कि फडणवीस और राणे के बीच लंबी मुलाकात हुई। पहली लिस्ट में वर्सोवा की विधायक भारतीय लवेकर का नाम भी नहीं है। पहली सूची में नाम नहीं आने की शिकायत लेकर पहुंची थी।

पूर्व विधायक अतुल शाह ने मुंबादेवी सीट से टिकट मांगा है। वह अपनी बात रखने के लिए सागर बंगले पर पहुंचे। अंधेरी-पूर्व विधान सभा सीट शिंदे गुट को दिए जाने की चर्चा सामने आने के बाद इच्छुक मुरजी पटेल नाराज हैं। चर्चा है कि मुरजी पटेल ने फडणवीस से मुलाकात की है। फडणवीस ने मुरजी को सब्र रखने के लिए कहा है। श्रीगोंदा विधानसभा सीट से विधायक बबनराव पाचपुते की बजाय पार्टी ने उनकी पत्नी प्रतिभा को उम्मीदवारी दी है, लेकिन मौजूदा विधायक बबनराव पत्नी नहीं अपने बेटे विक्रम सिंह को उम्मीदवार बनाना चाहते है।

बेलापुर (नवी मुंबई) सीट से बीजेपी ने मौजूदा विधायक मंदा म्हात्रे को टिकट दिया है। इससे गणेश नाईक के बेटे संदीप नाराज हो गए हैं। बताया जा रहा है कि वे शरद पवार की पार्टी का दामन थाम सकते हैं। इससे डरी मंदा म्हात्रे सागर निवास पर पहुंची। उन्होंने फडणवीस को वर्तमान स्थिति की जानकारी दी। उसी क्षेत्र के ऐरोली विधानसभा से वर्तमान विधायक व संदीप नाईक के पिता गणेश नाईक को बीजेपी ने टिकट दिया है। नासिक सेंट्रल विधानसभा की मौजूदा विधायक देवयानी फरांदे भी नाराज हैं। फरांदे ने नासिक के अपने करीब 24 नगरसेवकों के साथ सागर बंगले के बाहर शक्ति प्रदर्शन किया। बताया जाता है कि फडणवीस ने फरांदे को बगावत नहीं करने का सुझाव दिया है। महायुति में सीटों के आवंटन में मावल विधानसभा की सीट अजित पवार की पार्टी एनसीपी के खाते में जाने से असंतुष्ट पूर्व विधायक संजय भेगडे ने फडणवीस से मुलाकात की।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रणीति शिंदे के खिलाफ विधायक राम सातपुते को चुनाव मैदान में उतारा था। सातपुते लोकसभा चुनाव हार गए थे। फिलहाल बीजेपी ने उन्हें मालशिरस से टिकट नहीं दिया। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव तो मौजूदा विधायक मिहिर कोटेचा भी हार गए थे, तो पार्टी ने उन्हें क्यों टिकट दिया ? फिर पार्टी उनके साथ भेदभाव क्यों कर रही है। जिस तरह कोटेचा को टिकट दिया गया है उसी तरह से उन्हें भी टिकट मिलना चाहिए। अपनी मांग को लेकर उन्होंने फडणवीस से मुलाकात की। महाराष्ट्र में अभी तो यह शुरुआत है, आने वाले समय में और भी बहुत कुछ देखने को मिल सकता है।

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