मध्य प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान होना है। इसके मद्देनजर लागू आदर्श आचार संहिता के नियमों के तहत निर्वाचन आयोग ने पेड न्यूज के मामले में 78 उम्मीदवारों को नोटिस जारी किया है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि प्रदेश में राजनीतिक पार्टियों के चुनाव प्रचार और पेड न्यूज मामले पर भी सख्ती से नजर रखी जा रही है। जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) और राज्य स्तरीय एमसीएमसी 24 घंटे पेड न्यूज की निगरानी कर रही है।
विभिन्न जिलों से पेड न्यूज के अब तक 80 मामले सामने आए हैं। जिला स्तरीय एमसीएमसी ने 78 मामलों में उम्मीदवारों को नोटिस जारी किये है, जबकि शेष दो मामले शुरुआती जांच में पेड न्यूज के नहीं निकले इसलिए उन्हें जिला स्तर पर ही निरस्त कर दिया गया है।
राज्य स्तरीय एमसीएमसी ने 30 मामलों को पेड न्यूज माना है जबकि 48 मामले विचाराधीन है। निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए पेड न्यूज मामलों की गंभीरता से मॉनिटरिंग कराने के लिए निर्देश दिए हैं।
जिला स्तरीय एमसीएमसी की प्रारंभिक जांच में पेड न्यूज पाये जाने के संबंधित उम्मीदवार के विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी से उम्मीदार को नोटिस जारी कर जवाब मांगने के लिए कहा जाता है।
अगर कोई उम्मीदवार जिला स्तरीय कमेटी के निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो वह राज्य स्तरीय कमेटी के समक्ष अपील कर सकता है। उम्मीदवार की अपील पर राज्य स्तरीय समिति इस मामले पर सुनवाई कर निराकरण करती है।
अगर कोई उम्मीदवार राज्य स्तरीय समिति के निर्णय से भी संतुष्ट नहीं है तो वह चाहे तो भारत निर्वाचन आयोग में गठित मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग समिति के समक्ष भी अपील कर सकता है।