बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह का समर्थन करते हुए कहा कि मंदिर रास्ता गुलामी का रास्ता है, जबकि स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता है। उन्होंने कहा कि फतेह बहादुर ने वही बात कही जो सावित्रीबाई फुले ने कही थी।

शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर ने कहा कि, “अगर आपको चोट लगेगी तो आप कहां जाएंगे? मंदिर या अस्पताल? अगर आप शिक्षा चाहते हैं और अधिकारी, विधायक या सांसद बनना चाहते हैं तो क्या आप मंदिर जाएंगे या स्कूल जाएंगे? फतेह बहादुर सिंह (राजद विधायक) ने वही बात कही जो सावित्रीबाई फुले ने कही थी। इसमें क्या गलत है? उन्होंने सावित्रीबाई फुले का हवाला दिया। क्या शिक्षा आवश्यक नहीं है?…हमें छद्म हिंदुत्व और छद्म राष्ट्रवाद से सावधान रहना चाहिए…जब भगवान राम हममें से प्रत्येक में व्याप्त हैं, तो हम उन्हें खोजने के लिए कहां जाएंगे?… जो स्थलें निर्धारित की गई हैं उन्हें शोषण का स्थल बनाया गया है, जिसका उपयोग समाज में कुछ षड्यंत्रकारियों की जेबें भरने के लिए किया जाता है।”

रोहतास में डेहरी में एक कार्यक्रम में पहुंचे चन्द्रशेखर ने कहा, “षड्यंत्रकारी याद रखें बहुजन लोगों का इतना पसीना बहेगा कि समुंदर बन जाएगा और विरोधी सात समुंदर पार खड़े नजर आएंगे. जो सीख यहां के लोगों को आज मिली है। इससे लोग जगेंगे और ऐतिहासिक परिवर्तन करेंगे।” बता दें कि डेहरी से आरजेडी विधायक फतेह बहादुर ने कुछ दिन पहले पोस्टर लगाए गए थे, जिनमें कहा गया था कि मंदिर का अर्थ मानसिक गुलामी का मार्ग है, जबकि स्कूल का अर्थ प्रकाश की ओर जाने का मार्ग है। इसक बाद पटना के एक हिंदूवादी संगठन ने राजद विधायक की जीभ काटने वाले को 10 लाख रुपए का इनाम देने का ऐलान किया।

 

 

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