मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की तरफ से 15 माल अफसरों को सस्पैंड किए जाने के बाद और रजिस्ट्रियों का काम छीनने के बाद यह तो साबित हो ही चुका है कि सरकार भी कुछ माल अफसरों के भ्रष्टाचार से कितनी दुखी है, वहीं अमृतसर जिले की बात करें तो माल विभाग के कुछ भ्रष्ट अफसरों का एक बड़ा कारनामा सामने आया है।
जानकारी के अनुसार बस स्टैंड के सामने हुसैनपुरा चौक के इलाके में शेर ऐ पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की पत्नी महारानी जिन्दा के विरासती किले को ही कुछ भ्रष्ट माल अफसरों ने प्राइवेट लोगों के बेच दिया है। बकायदा वर्ष 1970 के करीब इसकी कनवैंशन डीड तैयार करवाई गई है और सबसे बड़ी बात यह है कि आगे से आगे किले की जमीनों से संबंधित इंतकाल भी होते चले गए और पिछले 55 वर्षों से किसी भी अधिकारी या नेता की तरफ से इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया। इसमें खास बात यह रही कि डी.सी. दफ्तर की एच.आर.सी. ब्रांच में पन्ना नंबर 468 के आगे के पन्ने ही फाड़ डाले गए ताकि किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई होने पर सरकार के पास पुराने रिकार्ड का कोई सबूत ही न रहे। इस संबंध में तहसीलदार सैल्स के दफ्तर में भी 1969-70 का कोई रिकार्ड या कनवैंशन डीड का कोई रिकार्ड ही नहीं है।
डी.सी. को मिली शिकायत
डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी के दफ्तर में जसबीर सिंह नामक समाजसेवक की तरफ से शिकायत की गई है, जिसमें लिखा गया है कि कैसे महाराजा रणजीत सिंह की पत्नी महारानी जिन्दा का विरासती किला माल विभाग के भ्रष्ट अफसरों ने किसी प्राइवेट व्यक्ति को बेच दिया है और कैसे जमीन का सारा रिकार्ड ही फाड़ डाला है, बकायदा इसकी वीडियो और फोटोग्राफस व अन्य दस्तावेज भी दिए गए हैं। इस मामले में जनवरी 2025 के दिन अंडरट्रेनी आईऐएस अधिकारी मैडम सोनम की तरफ से भी सेल्स ब्रांच से रिकार्ड मांगा गया था, लेकिन ब्रांच की तरफ से कोई रिकार्ड पेश नहीं किया गया, क्योंकि रिकार्ड है ही नहीं।
आखिरकार क्यों विरासत को संभाल नहीं रहा प्रशासन
मुख्यमंत्री भगवंत मान पुराने किलों व अन्य विरासतों को संभालने के लिए गंभीर हैं, लेकिन समय-समय पर जिला प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने विरासतों को ही बेचना शुरु कर दिया। देश में कुछ राज्यों के कई ऐसे उदाहरण मिलते हैं, जिसमें किले की संभाल करने के लिए उसको 5 सितारा होटल में ही तबदील कर दिया गया। राजस्थान व मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में कई ऐेसे किले हैं जो सैकड़ों वर्ष पुराने हैं, लेकिन उनको इस समय बड़े होटलो में तबदील किया जा चुका है, इससे किले की संभाल भी रहती है और टूरिज्म भी बढ़ता है पुराने समय में राजा महाराजा कैसे रहते थे उसका भी दृश्य देखने को मिलता है, लेकिन जिस प्रकार से महारानी जिन्दा का किला इस समय जर्जर हालत में है वह भी ठीक नहीं है।
शेरे-ए-पंजाब की बारादारी भी खडंहर और अंंतिम सांसे गिन रही
अटारी कस्बा के इलाके पुलकंजरी या पुलमोरां के इलाके में शेरे ऐ पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की 12 दरवाजों वाली बारादारी भी है जो इस समय आखिरी सांसे गिन रही है। इस बारादारी की संभाल के लिए भी समय समय की सरकारों की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। यह बारादारी किसी भी समय गिर सकती है और इसके अंतिम अवशेष ही बचे हैं।
हाल ही में जाली कनवैंशन डीड मामले में डीसी ने करवाया था पर्चा
सरकारी जमीन की कनवैंशन डीड करवाने के मामले में हाल ही में डी.सी. साक्षी साहनी की तरफ से राकेश सेठ, राजन सेठ व अन्य पर पर्चा दर्ज करवाया गया था, क्योंकि डी.सी. के अनुसार सरकारी नियमों को ताक पर रखकर डीड करवाई गई थी।
मामले की सख्ती के साथ करवाई जाएगी जांच
डी.सी. साक्षी साहनी ने बताया कि महारानी जिन्दा कौर के किले की जमीन के मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। कैसे यह किला प्राइवेट हाथों में चला गया। यह भी पता लगाया जाएगा।