खालिस्तान समर्थक और कट्टरपंथी नेता अमृतपाल सिंह ने जरनैल सिंह भिंडरावाले के गांव रोडे के गुरुद्वारे में सरेंडर करने से पहले वहां सिखों को संबोधित भी किया। इसके बाद मोगा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। मिल रही जानकारी के मुताबिक, ग्रंथी ने पुलिस को फोन किया और बताया कि वह सरेंडर करना चाहता है। हालांकि, पंजाब पुलिस ने इसे मोगा पुलिस का ऑपरेशन बताया है।

अमृतपाल सिंह ने सरेंडर से पहले गुरुद्वारे में लोगों को संबोधित कर सिखों को भड़काने की कोशिश की है। यही कारण है कि पंजाब पुलिस उसे अमृतसर से मीलों दूर असम के डिब्रूगढ़ लेकर जा रही है। यहीं पर उनके और भी सहयोगी बंद हैं। पंजाब पुलिस को इस बात का संदेह है कि पंजाब में अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद सिखों को भड़काने की कोशिश की जा सकती है।

सरेंडर से लेकर गिरफ्तारी की इस प्रक्रिया में अमृतपाल सिंह सिखों के वेशभूषा में नजर आया। ऐसा कर वह सिखों की सहानुभूति पाने की कोशिश कर रहा है।

आपको बता दें कि पंजाब पुलिस ने 35 दिनों तक लगातार पीछा करने के बाद रविवार सुबह खालिस्तानी कट्टरपंथी और ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। खालिस्तानी नेता अमृतपाल को मोगा जिले के रोडे गांव के गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया। रोडे खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है। पंजाब पुलिस उसे अमृतसर लेकर जा रही है, जहां से उसे असम के डिब्रूगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसी जेल में अमृतपाल के कुछ सहयोगी बंद हैं।

गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल सिंह ने सरेंडर का नाटक रचने की कोशिश की। हालांकि, पंजाब पुलिस ने कहा है कि यह गिरफ्तारी है। यह पंजाब पुलिस का ऑपरेशन था।

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