भारत ने सोमवार को विशाखापत्तनम में लगभग 50 नौसेनाओं की भागीदारी के साथ नौ दिवसीय वृहद नौसैन्य अभ्यास शुरू किया, जो लाल सागर में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं सहित अस्थिर भू-राजनीतिक माहौल के बीच हो रहा है।

अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, इंडोनेशिया और मलेशिया सहित अन्य देशों की नौसेनाएं ‘मिलन’ अभ्यास के 12वें संस्करण में भाग ले रही हैं, जिसका लक्ष्य समान सोच वाले देशों के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ावा देना है।

यह अभ्यास मित्र देशों से 15 युद्धपोतों और एक समुद्री गश्ती विमान के आगमन के साथ शुरू हुआ।

भारतीय नौसेना से, विमानवाहक पोत विक्रांत और विक्रमादित्य सहित लगभग 20 जहाज और मिग 29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और पी-8आई लंबी दूरी के समुद्री टोही तथा पनडुब्बी रोधी लड़ाकू विमान सहित लगभग 50 विमान अभ्यास में भाग ले रहे हैं।

मिलन एक द्विवार्षिक बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास है जो भारत की ‘लुक ईस्ट’ नीति के अनुरूप इंडोनेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड की भागीदारी के साथ 1995 में शुरू हुआ था।

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता विवेक मधवाल ने कहा, ‘‘मिलन 2024 का लक्ष्य क्षेत्रीय सहयोग और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना, भाग लेने वाली नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन और समझ को बढ़ावा देना और सर्वोत्तम परंपराओं एवं विशेषज्ञता को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।’’

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