प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के राजगीर में अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय परिसर के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने सदियों तक निरंतरता को एक मॉडल के रूप में जीकर दिखाया है। अपने उन्हीं अनुभवों के आधार पर भारत ने विश्व को ‘मिशन लाइफ’ जैसा मानवीय विजन दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम प्रगति और पर्यावरण को एक साथ लेकर चले हैं। मेरा मिशन है कि भारत की पहचान फिर से दुनिया के सबसे प्रमुख ज्ञान के केंद्र के रूप में बने। आज पूरी दुनिया की दृष्टि भारत पर है, भारत के युवाओं पर है, दुनिया बुद्ध के इस देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती है। नालंदा की धरती विश्व बंधुत्व की भावना को नया आयाम दे सकती है, इसलिए नालंदा के विद्यार्थियों का दायित्व और ज्यादा बड़ा है। आप भारत और पूरे विश्व के भविष्य हैं।

उन्होंने कहा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है। आज भारत में योग की सैकड़ों विधाएं मौजूद हैं। इसके लिए हमारे ऋषियों ने कितना गहन शोध किया होगा। लेकिन, किसी ने योग पर एकाधिकार नहीं बनाया। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है, योग दिवस एक वैश्विक उत्सव बन गया है। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में बच्चों का एडमिशन, उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देखकर नहीं होता था। यहां हर देश, हर वर्ग के युवा आते थे। नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए कैंपस में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से मजबूती देनी है।

उन्होंने कहा कि यहां दुनिया के कई देशों से छात्र आने लगे हैं। यहां नालंदा में 20 से ज्यादा देशों के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। ये वसुधैव कुटुंबकम की भावना का कितना सुंदर प्रतीक है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष भी देखे और उसके इतिहास की जानकारी प्राप्त की।

लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार बिहार दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी राजगीर स्थित अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे और नए परिसर का उद्घाटन किया। इस मौके पर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी उपस्थित रहे।

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