पंजाब में जोर पकड़ रहे किसान आंदोलन का असर अभी तक पश्चिम उत्तर प्रदेश में कम दिखा है। दिल्ली कूच पर अभी तक फैसला नहीं हुआ। संयुक्त किसान मोर्चा के पिछले आंदोलन में अगुवाई कर चुकी भाकियू ने रुख तय करने के लिए आज सिसौली में पंचायत बुलाई है। पांच राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ मंत्रणा कर रणनीति तय की जाएगी। आंदोलन के हरियाणा पहुंचते ही पश्चिम यूपी के किसान भी बॉर्डर पर डट सकते हैं।
पिछली बार तीन कृषि कानूनों के विरोध में गाजीपुर बॉर्डर पर भाकियू ने मोर्चा संभाला था। 26 जनवरी के बाद बिखरते किसान आंदोलन को संजीवनी भी गाजीपुर बॉर्डर से ही मिली थी। 28 जनवरी की रात भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के आंसूओं ने आंदोलन में दोबारा जान डाल दी थी। इस बार पंजाब के किसानों ने फिर से दिल्ली का रुख किया।