बिहार में पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को होना है। सभी दलों ने तैयारियां तेज कर दी है, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर स्थिति साफ नहीं होने से टिकटार्थियों की बेचैनी बढ़ी हुई है।
पहले चरण में जिन चार लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव होने हैं, उनमे औरंगाबाद, गया , जमुई और नवादा शामिल है। इन चारों सीटों पर मतदान 19 अप्रैल को होना है, लेकिन अब तक किसी गठबन्धन ने सीटों के बंटवारे की घोषणा नहीं की है और न ही किसी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगायी है।
ऐसे में उन लोगों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं जो इन क्षेत्रों से टिकट की आस में पटना से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं।
ऐसे नेताओं का दर्द है कि अगर टिकट मिल भी गया तो चुनाव तैयारियों से लेकर प्रचार तक के लिए एक महीने से भी कम समय बचेगा। ऐसे नेताओं का कहना है कि अभी तक तो सीट बंटवारे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
पिछले लोकसभा चुनाव में इन चारों सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला हुआ था। 2019 में दूसरे नंबर पर राजद और उसकी सहयोगी पार्टियां रही थी। कांटे की टक्कर में एनडीए को जीत मिल गई ।
इस बार भी दोनों ही गठबंधनों के बीच कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं।
पिछले चुनाव में गया में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी महागठबंधन से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के उम्मीदवार थे। उन्हें जदयू के विजय कुमार ने पराजित किया था। इस चुनाव में तस्वीर बदली है। हम पार्टी इस चुनाव में एनडीए के साथ है और गया सीट की मांग कर रही है।
औरंगाबाद की सीट भी पिछले चुनाव में एनडीए के खाते में आई थी। यहां से भाजपा के सुशील कुमार सिंह विजयी हुए थे, जबकि दूसरे नम्बर पर हम के उपेंद्र प्रसाद रहे। उस चुनाव में हार-जीत का अंतर करीब 71 हाजर मतों का ही रहा था।
पहले चरण में जिन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है, उनमें नवादा और जमुई भी शामिल है। इन दोनों क्षेत्रों से पिछले चुनाव में एनडीए की ओर से लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार विजई हुए थे, जबकि दूसरे नम्बर पर राजद रही थी।
जमुई से लोजपा के प्रत्याशी चिराग पासवान ने राजद के भूदेव चौधरी को तथा नवादा से चंदन सिंह ने राजद की वीणा देवी को हराया था।
इस बार भी मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है।