उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ चल रहे अवमानना ​​मामले को बंद कर दिया। कोर्ट ने दोनों से पतंजलि उत्पादों के संबंध में भ्रामक विज्ञापन और अन्य दावे जारी करने से रोकने का आश्वासन स्वीकार कर लिया है।

न्यायालय ने यह निर्णय तब लिया जब रामदेव और बालकृष्ण ने अपने विज्ञापनों और दावों को लेकर दिए गए आश्वासन का पालन करने का वादा किया। इससे पहले, उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने पतंजलि उत्पादों के विज्ञापनों में भ्रामक जानकारी प्रस्तुत की थी, जिससे उपभोक्ताओं को गुमराह किया गया। अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से दिए गए आश्वासनों पर संतोष व्यक्त करते हुए यह फैसला सुनाया।

रामदेव और बालकृष्ण ने कोर्ट को यथासम्भाव भ्रामक विज्ञापन नहीं देने का आश्वासन दिया और भविष्य में किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी से बचने का वादा किया। इस निर्णय से रामदेव और बालकृष्ण को राहत मिली है और अब वे अपने व्यवसायिक कार्यों को बिना किसी कानूनी रुकावट के जारी रख सकेंगे।

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