रियासी के कटरा कस्बे में माता वैष्णो देवी मंदिर में प्रस्तावित रोपवे परियोजना के खिलाफ चार दिनों से चल रहा विरोध प्रदर्शन मंगलवार को सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत के बाद स्थगित कर दिया गया। कल प्रदर्शनकारियों द्वारा आयोजित धरने के दौरान पत्थरबाजी हुई थी। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई थी।

अधिकारियों ने बताया कि रियासी के डिप्टी कमिश्नर विशेष महाजन ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उन्हें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का आश्वासन दिया कि वे प्रदर्शनकारियों की सभी वास्तविक चिंताओं पर गौर करेंगे।

रियासी के डिप्टी कमिश्नर ने संवाददाताओं को बताया कि कटरा रोपवे परियोजना पर उनकी चिंताओं के समाधान का आश्वासन मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने अपना धरना समाप्त कर दिया।

उन्होंने प्रदर्शनकारियों के नुमाइंदों से मुलाकात के बाद कहा, “मुझे विश्वास है कि आपसी सम्मान और चर्चा के माध्यम से हम सभी हितधारकों को संतुष्ट करने वाले समाधान पर पहुंच सकते हैं।”

प्रदर्शनकारियों ने 15 दिसंबर तक अपनी हड़ताल स्थगित करने पर सहमति जताई। प्रदर्शनकारी दुकानदार और मजदूर मांग कर रहे हैं कि रोपवे परियोजना को बंद किया जाए या इससे प्रभावित होने वाले सभी लोगों को मुआवजा दिया जाए। डीसी रियासी और प्रदर्शनकारी हितधारकों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के दौरान एसएसपी रियासी परमवीर सिंह, एसपी कटरा विपन चंद्रन और माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) के अध्यक्ष भी हैं।

तवी रिवरफ्रंट परियोजना का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि रोजगार के नुकसान से संबंधित चिंताओं का ध्यान रखा जा रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाओं और लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

इससे पहले, सोमवार को प्रस्तावित रोपवे परियोजना के खिलाफ दुकानदारों और मजदूरों द्वारा निकाले गए मार्च ने उस समय उग्र रूप ले लिया, जब कुछ प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई और उन्होंने पथराव किया, जिसके परिणामस्वरूप एसएचओ कटरा और उनके निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) को मामूली चोट आई।

दुकानदारों, टट्टू तथा पालकी मालिकों की हड़ताल शुक्रवार को शुरू हुई थी, जब श्राइन बोर्ड ने ताराकोट मार्ग से सांझी छत के बीच 12 किलोमीटर के ट्रैक पर 250 करोड़ रुपये की यात्री रोपवे परियोजना को आगे बढ़ाने और इसे दो साल के भीतर पूरा करने की योजना की घोषणा की थी।

जबकि ट्रैक के तीन किलोमीटर तक के दुकानदारों ने चौथे दिन भी अपने प्रतिष्ठान बंद रखे, टट्टू और पालकी मालिक भी नहीं आए, जिससे कई तीर्थयात्रियों को परेशानी हुई।

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