बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी के बहिष्कार पर प्रदेश में सियासी संग्राम छिड़ा है। मुस्लिम संगठनों के नीतीश कुमार की इफ्तार के बहिष्कार पर अब अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस बहिष्कार के पीछे गहरी साजिश है। कुछ लोग मुख्यमंत्री की छवि ख़राब करना चाहते है, उन्हें बदनाम करना चाहते हैं, लेकिन आज बाकी संगठनों के लोग पार्टी में शामिल होंगे।  मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक समाज के लिए बहुत काम किया है। वक्फ के मुद्दे पर समाज के सभी नुमाइंदों से मुख्यमंत्री ने बात की थी और उनकी बातों को केंद्र सरकार के समक्ष रखा भी गया था।

इन दलों को भेजा गया निमंत्रण

बता दें कि बिहार में इस साल चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर रमजान के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इफ्तार पार्टी बुलाई है। यूं तो हर साल वे इफ्तार पार्टी करते हैं, लेकिन इस बार चुनावी साल होने के कारण यह पार्टी काफी मायने रखती है। इसमें सभी दलों भारतीय जनता पार्टी (BJP), चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) रामविलास, जीतनराम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM), उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के नेता और NDA के कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया है।

तेजस्वी के आने पर सबकी नजरें

इफ्तार पार्टी मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर होगी, जो एक अणे मार्ग पर स्थित है। इस पार्टी के लिए तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को खास निमंत्रण भेजा गया है। इसलिए तेजस्वी यादव के इस पार्टी में आने को लेकर सबकी नजरें टिकी हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते तेजस्वी यादव को प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इफ्तार पार्टी में शरीक होने के लिए बुलाया गया है। तेजस्वी यादव इफ्तार पार्टी में आएंगे या नहीं इस पर अभी तक उनकी पार्टी की ओर से कोई बयान नहीं आया है, लेकिन चर्चा है कि अगर तेजस्वी यादव आते हैं तो बिहार की सियासत के समीकरण बदल सकते हैं, जिनका आगामी चुनाव पर असर पड़ेगा।

मुस्लिम संगठनों ने किया बहिष्कार

बता दें कि इमारत-ए-सरिया ने लेटर लिखकर नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का बहिष्कार किया है। उन्होंने नीतीश कुमार पर वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने का आरोप लगाया और इसी समर्थन की वजह से पार्टी का बॉयकॉट करने का फैसला लिया।

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