पिछले कुछ महीनों में बड़ी टेक कंपनियों का बड़े लेवल पर कर्मचारियों की छंटनी का जो दौर शुरू हुआ है, वो अभी भी जारी है। अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार, मंडी, खर्चों में बढ़ोतरी, रेवेन्यू में आशानुसार कम इजाफा आदि कारणों से कई टेक कंपनियाँ अब तक बड़े लेवल पर अपने कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी हैं। इनमें फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा भी शामिल है। मेटा अब तक हज़ारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी है। कंपनी ने पिछले साल ही 11,000 लोगों को नौकरी से निकाला था। इस साल भी कंपनी अब तक कई लोगों को नौकरी से निकाल चुकी है। अबऔर लोगों की नौकरी पर भी गाज गिरने का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है।
जानकारी के अनुसार मेटा से मार्केटिंग, साइट सिक्योरिटी, एंटरप्राइज़ इंजीनियरिंग, प्रोग्राम मैनेजमेंट,. कंटेंट स्ट्रैटेजी, प्राइवेसी एंड इंटीग्रिटी और कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस जैसे सेक्टर्स में काम करने वाले लोगों को निकाला जा रहा है। पहले भी इन्हीं सेक्टर्स में से मेटा की तरफ से ज़्यादा छंटनी की गई थी। ऐसे में साफ है, मेटा की तरफ से की जा रही छंटनी का सबसे ज़्यादा असर नॉन-इंजीनियरिंग सेक्टर्स में काम करने वाले लोगों पर पड़ रहा है।