दिल्ली के मंत्री एवं आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने शनिवार को आरोप लगाया कि सार्वजनिक स्थान पर फव्वारे के रूप में ‘शिवलिंग’ स्थापित करके ‘पाप’ किया गया है और दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना को इस कृत्य के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। सक्सेना ने हालांकि, इस आरोप का प्रतिवाद करते हुए कहा, ‘‘मैं इसे कलाकृति के तौर पर देखता हूं। मैं दूसरों की राय पर टिप्पणी नहीं कर सकता।” अगले सप्ताह जी20 शिखर सम्मेलन के लिए सड़कों के सौंदर्यीकरण के लिए किए जा रहे कार्यों के निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान भारद्वाज ने यह आरोप लगाया।
शिवलिंग फव्वारा विवाद के बारे में पूछे जाने पर भारद्वाज ने कहा, ‘‘सार्वजनिक स्थान पर फव्वारे के रूप में शिवलिंग स्थापित करके पाप किया गया है।” भारद्वाज ने कहा, ‘‘सार्वजनिक फव्वारों में, उपचारित अपशिष्ट जल प्रवाहित किया जाता है। हम भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग पर पवित्र जल चढ़ाते हैं। यह मंदिरों और घरों में होता है, सार्वजनिक स्थानों पर नहीं… उपराज्यपाल को इस पर देश से माफी मांगनी चाहिए।”
दिल्ली के उपराज्यपाल सक्सेना ने शनिवार को कहा, ‘‘जिसे वे ‘शिवलिंग’ कह रहे हैं वह मूर्तिकार की कल्पना है। देश के कण-कण में भगवान है। अगर उन्हें इसमें भगवान दिखता है तो ये अच्छा है, लेकिन मैं इसे केवल एक कलाकृति के तौर पर देखता हूं। मैं दूसरों के मत पर टिप्पणी नहीं करता।” दिल्ली के मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा यह जानने के बाद भी “चुप” थी कि शिवलिंग के फव्वारे उपराज्यपाल की देखरेख में चल रहे सौंदर्यीकरण कार्य के तहत लगाए गए।
भारद्वाज ने आरोप लगाया, ‘‘इस मामले पर भाजपा की चुप्पी हिंदू धर्म के ‘ठेकेदार’ होने के उसके दिखावे को उजागर करती है।” इस पर भाजपा की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जी20 शिखर सम्मेलन की अन्य तैयारियों पर भारद्वाज ने कहा, ‘‘एडवांस लाइफ सपोर्ट टीम वीवीआईपी के हर काफिले के साथ रहेगी।”
आदित्य एल-1 मिशन के बारे में पूछे जाने पर भारद्वाज ने कहा, ‘‘हम अपने पूर्वजों और वैज्ञानिकों की दूरदर्शिता को सलाम करते हैं जिन्होंने इसरो, आईआईटी और आईआईएससी जैसे संस्थानों का निर्माण किया, उनमें वैज्ञानिक सोच पैदा की जिसके परिणामस्वरूप चंद्रयान-3 और अब सौर मिशन सफल हुआ।”