राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार (17 फरवरी, 2025) को केरल के चर्चित प्रोफेसर टी.जे. जोसेफ पर हुए हमले के मामले में एक और आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में पीएफआई (Popular Front of India) के सदस्य शफीर सी के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। शफीर पर मुख्य आरोपी सवद को पनाह देने का आरोप है। सवद वही व्यक्ति है, जिसने 2010 में प्रोफेसर टी.जे. जोसेफ पर हमला किया था। इस मामले की जांच जारी है और NIA द्वारा कार्रवाई लगातार की जा रही है।
घटना का विवरण प्रोफेसर पर हमला
यह घटना 2010 की है, जब इडुक्की जिले के न्यूमैन कॉलेज के मलयालम विभाग के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर टी.जे. जोसेफ पर हमला हुआ था। आरोप था कि प्रोफेसर जोसेफ ने कॉलेज परीक्षा के एक प्रश्नपत्र में कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया था। इसके बाद पीएफआई कार्यकर्ताओं के एक समूह ने एर्नाकुलम जिले के मुवत्तुपुझा में प्रोफेसर पर हमला किया और उनका हाथ काट दिया। हमलावरों ने दहशत फैलाने के लिए वहां बम फेंके और फरार हो गए थे।
NIA की जांच और चार्जशीट
अब तक इस मामले में 19 लोगों को दोषी ठहराया जा चुका है। ये सभी लोग पीएफआई के नेता या कार्यकर्ता हैं। एनआईए ने शफीर सी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं। शफीर सी पर यह आरोप है कि उसने सवद को छिपने के लिए जगह दी, फर्जी पहचान के तहत नौकरी दिलाई और उसे अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई थीं। सवद को इस मामले में 2011 में चार्जशीट किया गया था।
19 दोषी और उनकी सजा
अब तक 19 लोगों को इस मामले में दोषी ठहराया जा चुका है। सभी दोषी पीएफआई के सदस्य हैं और इन पर आरोप है कि इन्होंने इस हमले की साजिश रची और उसे अंजाम दिया। इस मामले में पुलिस और NIA की लगातार कार्रवाई के बावजूद, हमले के साजिशकर्ताओं और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच जारी है। एनआईए का कहना है कि इस मामले में और भी आरोपियों को पकड़ा जाएगा और उनकी सजा सुनिश्चित की जाएगी।
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NIA की लगातार कार्रवाई
एनआईए ने इस मामले में पूरी तत्परता से काम किया है और लगातार जांच जारी रखी है। एजेंसी का कहना है कि इस हमले में शामिल साजिशकर्ताओं और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एनआईए का कहना है कि वे इस मामले को तब तक नहीं छोड़ेंगे, जब तक सभी दोषियों को सजा नहीं दिला दी जाती।