पीड़िता के पिता ने कहा कि पुलिस शुरुआत से ही इस पूरे मामले में जल्दबाजी में थी। हमें शव को देखने तक नहीं दिया गया, शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया, लेकिन हमें पुलिस स्टेशन पर ही इंतजार करना पड़ा। बाद में जब शव हमें सौंपा गया तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हमें घूस की पेशकश की, जिसे हमने तुरंत खारिज कर दिया।
यही नहीं पीड़िता के पिता ने कहा कि हमें हमारी बेटी के लिए न्याय चाहिए। वह बुधवार की रात प्रदर्शनकारियों के साथ भी शामिल हुए। गौर करने वाली बात है कि 9 अगस्त को 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर का शव अर्ध नग्न अवस्था में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में पाया गया था।
घटना के बाद कोलकाता पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपी संजय रॉय को घटना के समय सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में देखा गया, उसके पास ब्लूटूथ हेडफोन नहीं था, जोकि क्राइम सीन पर पाया गया।
जांच में पता चला कि संजय रॉय ने ही महिला डॉक्टर को गंभीर रूप से घायल किया और उसका यौन उत्पीड़न किया। इसके बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। इस दुखद घटना के एक सप्ताह बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जांच सीबीआई को सौंप दी।
जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को कोलकाता पुलिस मुख्यालय के बाहर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा और पुलिस प्रमुख के इस्तीफ़े की मांग की। उनके इस प्रदर्शन से पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं पर काफ़ी असर पड़ा है।
इससे पहले बुधवार की रात पश्चिम बंगाल में हजारों महिलाओं ने ‘रिक्लेम द नाइट’ अभियान के तहत मार्च निकाला। उन्होंने इस प्रशिक्षु डॉक्टर जैसी पीड़िताओं के लिए न्याय की मांग की।
बुधवार को रात करीब 9 बजे कोलकाता निवासियों ने एक घंटे के लिए अपने घर की लाइटें बंद कर दीं और नागरिक एकजुटता के एक अनूठे प्रदर्शन के रूप में हाथों में मोमबत्तियां लेकर सड़कों पर उतर आए।