भारतीय सुरक्षाबल जम्मू कश्मीर के पुंछ में 20 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में शामिल दहशतगर्दों को खोजने में जुटे हैं। सेना पांच सैनिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को ट्रैक करने के लिए पुंछ में भाटा धूरियन के जंगलों को स्कैन कर रही है। इस बीच सुरक्षाबलों ने मेंढर क्षेत्र के एक गुर्जर की पहचान की है जिसने आतंकियों को पनाह दी थी। सूत्रों के अनुसार, आरोपी की पहचान मेंढर के रहने वाले नासिर अहमद के रूप में हुई है। नासिर ने न केवल हमलावरों को साजोसमान दिया था, बल्कि उन्हें लगभग तीन महीने तक अपने घर में रखकर खाना भी खिलाया था।
नासिर पिछले एक सप्ताह में सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लिए गए 60 संदिग्धों में से एक था। सूत्रों ने कहा, “उसने जांचकर्ताओं के सामने स्वीकार किया है कि उसने उन्हें (आतंकियों को) लगभग तीन महीने तक आश्रय दिया था, उन्हें लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया था और यहां तक कि हमले के दिन भीमबेर गली तक पहुंचाने के लिए एक वाहन की भी व्यवस्था की थी।” कुछ बंदियों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। मेंढर में नासिर अहमद का घर हमले के स्थान से बमुश्किल 35 किलोमीटर दूर है। सूत्रों ने कहा, “हमले के दौरान, हमलावरों को एक स्थानीय हैंडलर से वॉयस नोट्स के जरिए निर्देश मिल रहे थे, जो पाकिस्तान में अपने संपर्कों के संपर्क में था।”
इस बीच, उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को राजौरी और पुंछ सेक्टर का दौरा किया, जो 22 अप्रैल के बाद उनकी दूसरी यात्रा थी और चल रहे अभियानों का जायजा लिया। उत्तरी कमान ने ट्वीट किया, “उन्होंने दूर-दराज के इलाकों में तैनात सैनिकों से बातचीत की और उनसे नवोन्मेषी और अथक प्रयास करने का आह्वान किया।” इससे पहले 22 अप्रैल को लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने भाटा धुरियान के तोता गली में ग्राउंड जीरो का दौरा किया था।
पिछले बृहस्पतिवार को पुंछ में आतंकवादियों ने सेना के ट्रक पर हमला किया था जिसमें पांच जवान शहीद हो गए थे और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया था। हमले के बाद बड़े पैमाने पर तलाशी और घेराबंदी अभियान शुरू किया गया था और यह अब पुंछ और राजौरी जिलों के 12 क्षेत्रों में फैल गया है। सूत्रों ने बताया कि विशेष बल भी तलाशी अभियान में लगे हुए हैं। एजेंसियां ड्रोन, खोजी कुत्तों और मेटल डिटेक्टर की भी मदद ले रही हैं।