झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायक कल्पना सोरेन ने भाजपा को ‘‘पीआईएल मास्टर गैंग” बताते हुए झारखंड के लोगों के हित से जुड़ी सरकारी योजनाओं में बाधा डालने के लिए मुख्य विपक्षी दल की बीते सोमवार को आलोचना की।

कल्पना सोरेन ने कहा कि आगामी चुनाव में भाजपा को लोगों से करारा जवाब मिलेगा। सोरेन ने ‘मंईयां सम्मान यात्रा’ के तहत गुमला जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (जेएमएमएसवाई) के खिलाफ जनहित याचिका (पीआईएल) कथित तौर पर दायर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘‘मंईयां सम्मान योजना के खिलाफ उन्होंने जनहित याचिका दायर की है। जब भी कोई अधिवास नीति आती है तो वे ऐसा ही करते हैं। वे ‘पीआईएल मास्टर गैंग’ बन गए हैं जो झारखंड के लोगों के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा शुरू की जाने वाली हर पहल में बाधा डालते हैं।”

कल्पना सोरेन ने अलग सरना धार्मिक संहिता की भी वकालत की और भाजपा पर आदिवासी समुदायों की मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आदिवासियों की पहचान उनकी संस्कृति और सरना धार्मिक संहिता में निहित है। हमने झारखंड विधानसभा में इस संहिता के लिए प्रस्ताव पारित किया, लेकिन भाजपा हमारी संस्कृति की रक्षा करने और अलग सरना संहिता प्रदान करने को तैयार नहीं है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल हेमंत सोरेन ही झारखंड और आदिवासी पहचान की रक्षा कर सकते हैं। कल्पना सोरेन ने कहा, ‘‘पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने (हेमंत सोरेन) केंद्र सरकार को कुडुख, उरांव, हो और मुंडारी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए पत्र लिखा था। हालांकि उन्होंने इनकार कर दिया। हम तब तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे जब तक हमें अपने अधिकार नहीं मिल जाते।”

 

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