कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार को पहलगाम आतंकवादी हमले पर विचार-विमर्श के लिए पार्टी कार्यसमिति की एक आपात बैठक की और इस हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किए जाने की उम्मीद है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी, महासचिव के सी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, प्रियंका गांधी वाड्रा सहित अन्य नेताओं ने यहां पार्टी के 24, अकबर रोड कार्यालय में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में भाग लिया। बैठक की शुरुआत नेताओं द्वारा हमले के पीड़ितों की याद में एक मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि देने के साथ हुई।
पार्टी ने एक्स पर लिखा कि कांग्रेस कार्यसमिति ने आज अपनी बैठक में हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और इसमें मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि दी। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम एकजुट हैं। एक अन्य पोस्ट में लिखा गया कि कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने कायराना हमला किया है। इसकी जितनी निंदा की जाए, वो कम है। इसी अहम मुद्दे पर आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक से पहले पहलगाम हमले के मृतकों को मौन रख श्रद्धांजलि दी गई।
पार्टी नेता पवन खेड़ा ने कहा कि 22 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी ने पहलगाम हमले के विषय में सर्वदलीय बैठक की मांग की थी। उस मांग को स्वीकार करते हुए सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री इस मामले की गंभीरता को समझते हुए इस सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेंगे। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला देश की सुरक्षा, एकता और अखंडता पर सीधा प्रहार है। आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में इस हमले के तमाम पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।
राहुल गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में भाग लेने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा को बीच में ही रोक दिया था। कांग्रेस को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो आज शाम को हमले पर एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे, सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेंगे और साथ ही एक सामूहिक संकल्प भी बनाएंगे। इससे पहले, खड़गे और राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्र शासित प्रदेश के वरिष्ठ पार्टी नेताओं से बात की थी ताकि दक्षिण कश्मीर में पहलगाम के पास प्रमुख पर्यटक स्थल बैसरन में मंगलवार को हुए हमले के बारे में जानकारी ली जा सके, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।