पश्चिम यूपी की जाट बाहुल्य बेल्ट में इन दिनों किसान भाजपा सरकार से नाराज चल रहे हैं। भाजपा ने आज बहुप्रतीक्षित जिला अध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों की सूची जारी कर पश्चिम यूपी की नाराज बिरादरी को मनाने की कोशिश की है। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि पश्चिम यूपी में अगर जाट, त्यागी और ठाकुर बिरादरी नाराज हुई तो आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 पार्टी को भारी पड़ सकते हैं। वैसे भी उपचुनाव में मिली हार और इंडिया गठबंधन की पश्चिम यूपी में मजबूत होती जड़ों से भाजपा नेतृत्व के चेहरे पर शिकन है। इसी कारण से भाजपा ने जब आज जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्षों की सूची जारी की तो इसमें सभी बिरादरी को नेतृत्व देने की पूरी कोशिश की गई है।

पश्चिम की सभी बिरादरी को साधने की कोशिश
जिले में शीर्ष पदाधिकारियों की ताजपोशी भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम में सभी जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की है। भाजपा ने जिन जिलों में जिला अध्यक्षों की सूची जारी की है, उसमें जाट, त्यागी, ठाकुर, दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा, ब्राह्मण, गुर्जर, वैश्य के अलावा अल्पसंख्यक को भी जगह दी गई है। 19 जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष की सूची में दो जाट, दो गुर्जर, एक त्यागी, दो ब्राह्मण, चार ठाकुर, एक दलित, एक अति पिछड़ा, दो पिछड़ा, दो सैनी, एक जैन और एक वैश्य को टीम में शामिल किया है।

इनमें रामपुर में दलित बिरादरी से हंसराज पप्पू को जिम्मेदारी सौंपी गई है। संजय शर्मा को मुरादाबाद महानगर में अध्यक्ष का पद मिला है। मुरादाबाद में जिलाध्यक्ष आकाश पाल को बनाया है जो कि अति पिछड़ा समाज से आते हैं। अमरोहा में उदय गिरी गोस्वामी पिछड़ा, बिजनौर में भूपेंद्र चौहान ठाकुर बिरादरी से हैं। त्यागी समाज को साधने के लिए सहारनपुर महानगर में पुनीत त्यागी को अध्यक्ष बनाया हैं। सहारनपुर जनपद में महेंद्र सैनी और मुजफ्फरनगर में सुधीर सैनी को जिम्मेदारी दी हैं।

संभल में हरेंद्र सिंह जाट और हापुड़ जनपद में नरेश तोमर ठाकुर समाज से हैं। मेरठ जनपद में शिवकुमार राणा ठाकुर और महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज जैन अल्पसंख्यक समाज से हैं। इस तरह भाजपा ने पश्चिम में सभी जातिगत बिरादरी समीकरण साधने की कोशिश की है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights