निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जबरदस्त जीत हुई है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी सत्ताधारी दल से काफी पीछे नजर आई। सभी निगम सीटें भाजपा ने जीताी हैं, इसमें पश्चिम यूपी में आने वाली सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद सीटें भी हैं। अखिलेश यादव ने पश्चिम में सिर्फ दो सीटों पर प्रचार किया था, दोनों ही सीटों पर पार्टी की बुरी गत हुई है।
सरधना से विधायक अतुल प्रधान अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। अतुल की पत्नी सीमा को सपा ने मेरठ से मेयर का टिकट दिया। सहारनपुर से विधायक आशु भी अखिलेश के खास लोगों में गिने जाते हैं। उनके भाई को पार्टी ने सहारनपुर से लड़ाया। अखिलेश ने दोनों सीटों पर प्रचार के लिए गए तो माना गया कि वो पार्टी से ज्यादा अपने निजी संबंधों की वजह से सहारनपुर और मेरठ आए हैं।
मेरठ में अतुल ने जमकर प्रचार किया लेकिन उनकी पत्नी मुख्य मुकाबले में नहीं आ सकीं। मेरठ से जीत दर्द करने वाले बीजेपी के हरिकांत अहलूवालिया को 2 लाख 36 हजार वोट मिले हैं। दूसरे स्‍थान पर रहे एआईएमआईएम के अनस को 1 लाख 28 हजार वोट मिले। सपा की सीमा प्रधान 1 लाख 16 हजार वोट लेकर तीसरे नंबर पर रही हैं। मेरठ में अखिलेश ने खासतौर से मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रोड शो किया था। इन इलाकों में जमकर औवेसी की पतंग (पार्टी का चुनाव निशान) उड़ी है। अखिलेश का शहर में जाकर भी पार्टी का तीसरे स्थान पर खिसकना और मुसलमानों की बेरुखी सपा के लिए निश्चित ही खराब संकेत है।

सहारनपुर में भाजपा के डॉक्टर अजय कुमार जीते हैं और दूसरे नंबर पर बसपा की खदीजा मसूद रही हैं। अजय कुमार को एक लाख 54 हजार वोट मिले और खदीजा को एक लाख 46 हजार वोट पड़े। विधायक आशु मलिक के भाई सपा प्रत्याशी नूर हसन मलिक को सिर्फ 22 हजार वोट ही मिले। वो दूर तक भी कहीं मुकाबले में नहीं आ सके। ये तब हुआ जब सहारनपुर में अखिलेश के साथ आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर ने मंच साझा किया और वोट की अपील की। इस सबके बावजूद सपा का यहांं 22 हजार वोट पर सिमटना अखिलेश के लिए एक झटका है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights