समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से आरओ-एआरओ (समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी) और पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षाएं एक ही तारीख पर कराने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों का समर्थन करते हुए रविवार को कहा कि समाजवादी उनकी (अभ्यर्थियों की) ‘‘जायज मांग” के लिए उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएसपी) द्वारा पीसीएस प्री और आरओ-एआरओ की परीक्षा अलग-अलग तिथियों पर कराने के निर्णय के विरोध में अभ्यर्थियों ने 11 नवंबर से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज के सामने आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। यूपीपीएससी ने पांच नवंबर को घोषणा की थी कि आरओ और एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में आयोजित की जाएगी। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा सात और आठ दिसंबर को दो पालियों में आयोजित की जाएगी। इस बीच, सपा मुख्यालय से रविवार शाम जारी एक बयान के अनुसार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘भाजपा भर्ती नहीं छलावा करती है और जब एक छल पकड़ा जाता है, तो भाजपाई दूसरा धोखा ले आते हैं।”
यादव ने कहा, ‘‘अब यूपी पीसीएस और आरओ-एआरओ की परीक्षा में दो पाली की भाजपाई साजिश को कैंडिडेट्स (अभ्यर्थी) भांप गये हैं, इसीलिए उसके खिलाफ आंदोलनरत हैं और समाजवादी उनकी आवाज में अपनी आवाज मिलाते हैं और उनकी जायज मांग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।” सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘दरअसल ये भाजपा की चाल है कि युवाओं को सरकारी नौकरी न मिले और वे बेरोजगार ही रहें और एक दिन सस्ते में मजदूरों की तरह काम करने के लिए मजबूर हो जाएं। इससे भाजपाई मुनाफाखोरों की तिजोरी भरती रहे और वो भाजपा को चंदा देते रहें, जिसका दुरुपयोग वो चुनाव जीतने के लिए करते रहें।”
उन्होंने कहा, ‘‘अब बेरोजगार युवा भाजपा का ये चुनावी दुष्चक्र और उसकी मंशा को समझ गया है, इसीलिए वह अब चुनाव में भाजपा को हराने के लिए मुट्ठी बांध कर संकल्प ले रहा है।” विरोध के आह्वान के पीछे तर्क देते हुए यूपीपीएसपी अभ्यर्थी रमाकांत यादव ने कहा कि आयोग द्वारा दो दिन में परीक्षा कराना नियम के विरुद्ध है और अधिसूचना में आयोग ने इस बात का जिक्र नहीं किया था कि परीक्षा दो दिनों में कराई जाएगी। अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि पूर्व की तरह एक ही दिन में परीक्षा आयोजित कराई जाए। एक अन्य छात्र ने कहा कि अगर आयोग दो दिन परीक्षा कराने का अपना निर्णय नहीं बदलता है तो अभ्यर्थी 11 नवंबर यानी सोमवार से आंदोलन करने को बाध्य होंगे।