मुजफ्फरनगर। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में परिवार नियोजन में शून्य मद वाली आशाओं को क्रियाशील करने के संबंध में मख्याली व बघरा में आशा व आशा संगिनियों की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें आशाओं को परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए प्रेरित किया और उन्हें परिवार नियोजन के साधनों व नसबंदी के फायदे के बारे में अवगत कराया गया।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया कि पुरुषों में नसबंदी को लेकर कई तरह की भ्रांतियां है इसी वजह से वह नसबंदी करवाने से कतराते है, जबकि परिवार नियोजन के सरल उपाय नसंबदी ही है, औऱ पुरुष नसबंदी बेहद सरल व सुरक्षित प्रक्रिया है नसबंदी महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में कुछ ही मिनटों में निपट जाती है। उन्होंने जनपदवासियों से अपील करते हु कहा परिवार को खुशहाल रखने के लिए परिवार नियोजन के प्रति जागरुकता कार्यकर्मों को बढ़ावा दें, ताकि लोग सचेत हो और खुद नसबंदी के लिए आगे आए।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा ने बताया कि परिवार नियोजन के बारे में नसबंदी स्थाई व सफल साधन है। नसबंदी ऑपरेशन 99.5 प्रतिशत सफल उपाय है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आशा को अपने क्षेत्र में लोगों को नसबंदी करवाने के लिए प्रेरित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग निरंतर कोशिश कर रहा है कि प्रत्येक परिवार को परिवार नियोजन का महत्व समझ में आए।
डॉ. दिव्या ने बताया कि पुरुषों में भ्रांति है कि नसबंदी से शारीरिक संबंध बनाने की क्षमता कम हो जाती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। उन्होंने बताया कि पुरुष की क्षमता पहले की तरह ही रहेगी, जबकि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की नसबंदी सबसे आसान है। उन्होंने बताया कि बिना चीरा सिर्फ एक छोटा सा ऑपरेशन करना पड़ता है। इसके बाद पुरुष सप्ताह भर तक भारी सामान नहीं उठा सकते। इसके बाद सामान्य रूप से सब काम कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पुरुष नसंदी पखवाड़े के तहत नसबंदी करवाने वाले पुरुष को 3000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जबकि प्रेषक को 400 रुपये दिए जाते है।