मुंबई। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार की छवि खराब करने के इनाम स्वरूप भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी परमबीर सिंह पर लगे सभी आरोप हटा दिए हैं। शिंदे सरकार ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) के आदेश के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सिंह पर लगे सभी आरोप हटा दिए हैं।
मुंबई में मंगलवार को पटोले ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिंदे और राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘‘पूर्व आईपीएस अधिकारी के खिलाफ दर्ज मामले को जानबूझकर कमजोर किया और यह सुनिश्चित किया कि वह तकनीकी आधार पर आरोप मुक्त हो जाएं।” कांग्रेस नेता ने कहा कि सिंह ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर एमवीए सरकार को बदनाम किया था।
एमवीए में शिवसेना का उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला धड़ा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) और कांग्रेस शामिल हैं। पटोले ने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को जांच के बाद सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के स्पष्ट निर्देश दिए थे और मामले की विभागीय जांच कराए जाने की भी उम्मीद थी। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि हालांकि, शिंदे-फडणवीस सरकार ने इस दिशा में कुछ नहीं किया और यह सुनिश्चित किया कि सिंह के निलंबन आदेश को आगे न बढ़ाया जाए।
एक अधिकारी ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने विभागीय जांच के दौरान सिंह पर लगाए गए सभी आरोपों को हटा दिया है और उनके खिलाफ जारी निलंबन आदेश को रद्द कर दिया है। हालांकि, अधिकारी ने स्पष्ट किया था कि सीबीआई सिंह के खिलाफ दर्ज पांच मामलों की जांच करना जारी रखेगी। सिंह जबरन वसूली, भ्रष्टाचार और कदाचार के कई मामलों का सामना कर रहे हैं। फडणवीस ने पिछले हफ्ते कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने कैट द्वारा सिंह के खिलाफ विभागीय जांच बंद करने के फैसले के बाद उनके निलंबन आदेश को रद्द करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा था कि कैट के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि विभागीय जांच गलत थी। उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास ‘एंटीलिया’ के पास खड़ी एक एसयूवी में विस्फोटक मिलने के मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद सिंह को मार्च 2021 में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से स्थानांतरित कर दिया गया था।
इसके बाद, 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को मुंबई के होटल व्यवसायियों से एक महीने में 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का निर्देश दिया था। देशमुख ने सिंह द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया था। साथ ही तत्कालीन एमवीए सरकार ने सिंह को निलंबित करते हुए उनका वेतन रोक दिया था।