उत्तर प्रदेश की सीतापुर जिले में एक पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या के मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। थानाध्यक्ष महोली, विनोद कुमार मिश्र को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसके अलावा, एसपी चक्रेश मिश्र ने पड़रखा चौकी प्रभारी सतीश चंद्र और सिपाही राजकुमार और नरेंद्र को भी निलंबित कर दिया है।

अब तक 25 लोगों को हिरासत में लेकर की जा रही पूछताछ
मिली जानकारी के मुताबिक, यह घटना हेमपुर ओवरब्रिज पर हुई थी, जो पड़रखा चौकी के क्षेत्र में आता है। हत्या की जांच में तेजी लाने के लिए पुलिस ने सोमवार को 13 और संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। अब तक 25 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, जिनमें 4 लेखपाल भी शामिल हैं। वहीं पुलिस की 15 टीमों ने कई बिंदुओं पर जांच शुरू की है और अब तक 16 अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ की है। सोमवार को एसटीएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंची और सक्रिय मोबाइल फोन की जानकारी खंगाली। इसके अलावा, हाईवे पर लगे 50 कैमरों से हत्या के समय की एक घंटे की रिकॉर्डिंग भी जांच के लिए ली गई है।

जानिए, हत्या के समय घटनास्थल पर क्या हुआ?
बताया जा रहा है कि राघवेंद्र बाजपेयी की शनिवार को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पत्रकारों और संगठनों ने इस हत्या के खिलाफ आक्रोश जताया और अधिकारियों से न्याय की मांग की। सीसीटीवी फुटेज में 2 बाइक सवार युवक राघवेंद्र का पीछा करते हुए नजर आ रहे हैं। ये युवक मुंह पर कपड़ा लपेटे हुए थे। बाइक के पीछे एक थार भी जाती दिखाई देती है। पुलिस इन दोनों वाहनों की जांच कर रही है।

5 थार और बाइक पर जांच जारी
घटनास्थल के पास खैराबाद टोल प्लाजा से गुजरने वाली 5 थारों की भी पुलिस जांच कर रही है। यह थारें घटना के समय के बाद गुजरी थीं—एक 3.07 बजे, दूसरी 3.20 बजे, तीसरी 3.46 बजे, चौथी 3.49 बजे और पांचवीं 4.02 बजे। पुलिस इन वाहनों को ट्रेस करने में लगी है। इसके साथ ही, एक बाइक को भी पुलिस ने कब्जे में लिया है और उसके मालिक को ट्रेस किया जा रहा है।

संदिग्ध मोबाइल नंबरों की जांच जारी
घटनास्थल के पास सक्रिय मिले 18 हजार मोबाइल नंबरों में से 12 हजार की जांच की गई। इनमें 8 संदिग्ध नंबर पाए गए हैं, जिन पर पुलिस सर्विलांस के जरिए जांच कर रही है। एसटीएफ ने भी मामले की जांच को और तेज कर दिया है।

मामले में पुलिस की आगे की जांच लगातार जारी
पुलिस की नजर लखीमपुर, शाहजहांपुर, हरदोई और बाराबंकी जैसे आसपास के जिलों के अपराधियों पर भी है, जो इस तरह की वारदातों में शामिल रहे हैं। पुलिस का मानना है कि राघवेंद्र को 4 गोलियां मारी गई थीं, और इस तरह की वारदात पेशेवर अपराधी ही कर सकते हैं। हत्या के इस मामले में पुलिस की जांच लगातार जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मामले का पर्दाफाश होगा।

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