उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में सेवा दे रहे पति-पत्नी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी और राहतभरी खबर सामने आई है. योगी सरकार ने पुलिस विभाग में मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तबादलों की नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किया है. अब पति-पत्नी जो दोनों पुलिस विभाग में कार्यरत हैं, उन्हें एक-दूसरे के नजदीकी जिलों में तैनात किया जाएगा, जिससे वे अपने पारिवारिक जीवन को बेहतर तरीके से जी सकें.

इस संबंध में राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार द्वारा एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि 101 पुलिसकर्मियों का अनुकंपा के आधार पर तबादला किया गया है. इन सभी को उनके जीवनसाथी की तैनाती वाले जिले या उसके आसपास के जिलों में स्थानांतरित किया गया है. इस आदेश का कार्यान्वयन डीजीपी मुख्यालय की स्थापना शाखा द्वारा किया गया है.

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बदली तबादले की दिशा

बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले की पृष्ठभूमि में दिसंबर 2023 में आया इलाहाबाद हाईकोर्ट का एक निर्देश है. हाईकोर्ट ने प्रशासन को सलाह दी थी कि यदि पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हैं और अलग-अलग जिलों में तैनात हैं, तो प्रशासनिक सहूलियत और मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए उनका तबादला एक-दूसरे के नजदीक करने पर विचार किया जाना चाहिए. हालांकि कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि यह किसी कर्मचारी का ‘अधिकार’ नहीं है, बल्कि एक सुविधा के रूप में इसे देखा जाए, जिससे न केवल कर्मचारियों का पारिवारिक जीवन सहज हो, बल्कि सेवा में भी संतुलन बना रहे.

पुलिस विभाग में मानवीय सोच की मिसाल

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग द्वारा यह फैसला न केवल एक प्रशासनिक निर्णय है, बल्कि यह विभाग की बदलती सोच और मानवीय संवेदनाओं के प्रति संवेदनशीलता का भी परिचायक है. पुलिस जैसी चुनौतीपूर्ण सेवा में कार्यरत दंपतियों के लिए यह निर्णय अत्यंत राहतकारी माना जा रहा है. अक्सर यह देखा गया है कि पति-पत्नी दोनों के अलग-अलग स्थानों पर तैनात होने से पारिवारिक जीवन प्रभावित होता है. कई बार बच्चों की देखरेख, बुजुर्गों की सेवा और आपसी सामंजस्य जैसी बुनियादी जिम्मेदारियों का निर्वहन कठिन हो जाता है. इस नई नीति से इन चुनौतियों को काफी हद तक कम किया जा सकेगा.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कहते हैं कि इस कदम से पुलिसकर्मियों को मानसिक शांति और पारिवारिक सहयोग मिलेगा, जिससे उनकी कार्यक्षमता में भी इज़ाफा होगा. साथ ही, यह नीति यूपी पुलिस में सेवा में संतुलन और स्थायित्व को बढ़ावा देने का कार्य करेगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, पुलिस सेवा में तनाव और जिम्मेदारियों का स्तर बहुत अधिक होता है. ऐसे में यदि पति-पत्नी को साथ या पास के जिलों में तैनाती दी जाती है, तो इससे उनका पारिवारिक और मानसिक संतुलन बेहतर बना रहता है, जो उनकी ड्यूटी पर भी सकारात्मक असर डालता है.

कर्मचारियों ने की सराहना

इस फैसले की सराहना पुलिस विभाग के भीतर काम कर रहे अधिकारियों, कर्मियों द्वारा भी की जा रही है. कई कर्मचारी ने इस निर्णय को ऐतिहासिक और सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है. एक महिला पुलिस अधिकारी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, हमारे लिए यह सिर्फ तबादला नहीं, बल्कि अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका है. हमें लगता है कि अब विभाग हमारी पारिवारिक जरूरतों को भी समझने लगा है. सूत्रों के अनुसार, पुलिस विभाग अब ऐसे और भी कदम उठाने की तैयारी में है, जिससे कर्मचारियों की निजी जरूरतों और सेवा की मांगों के बीच संतुलन स्थापित किया जा सके. खासकर महिला पुलिसकर्मियों और विवाहित जोड़ों के लिए ऐसी नीतियां भविष्य में और अधिक प्रभावी रूप से लागू की जा सकती हैं.

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