मेरठ में एमडीए (मेडा) ने नई इंटीग्रेटेड टाउनशिप (न्यू मेरठ) विकसित करने के लिये सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपर मुख्य सचिव शहरी विकास नितिन रमेश गोकर्ण के समक्ष प्रजेंटेशन दिया। बताया कि मेरठ में आरआरटीएस का काम तेजी से चल रहा है। ऐसे में दिल्ली एनसीआर के हिस्से मेरठ में विकास की अत्यधिक संभावनाएं हैं। इस पर शासन ने हरी झंडी देते हुए मेडा अधिकारियों को न्यू मेरठ का विस्तृत प्रस्ताव शीघ्र भेजने को कहा है।

मेडा के टाउन प्लानर विजय सिंह ने बताया कि ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट (टीओडी) नीति के तहत रैपिड कॉरिडोर पर मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में इसे विकसित किए जाने पर जोर है। विजय ने बताया कि दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद के बाद लोगों का रुख मेरठ की तरफ होगा। ऐसे में मेडा ने इंटीग्रेटेड टाउनशिप का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसके लिए 1000 करोड़ रुपए चाहिए। वही न्यू मेरठ के अंतर्गत हाईवे और एक्सप्रेसवे के नजदीक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत निजी विकासकर्ताओं के जरिए टाउनशिप विकसित की जाएगी।

एमडीए वेदव्यासपुरी के मियावकी जंगल को और ज्यादा विकसित करेगा। जापानी तकनीक के जरिये इसे और घना किया जाएगा। इसके बाद इसे सिटी फॉरेस्ट के रूप में लोगों के लिए खोला जाएगा। प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि शहर में रैपिड, एक्सप्रेस-वे आदि का जाल बिछ रहा है। ऐसे में वनक्षेत्र को संतुलित रखने की दरकार है। एनसीआर के अंतर्गत प्रदूषण की समस्या आने वाले दिनों में न गहराए इसके लिए अभी से तैयारी शुरू की जा रही है। वेदव्यासपुरी में मियावाकी तकनीक से डेंस फॉरेस्ट बनाया जाएगा। इसमें विभिन्न प्रकार के पौधे, वॉकिंग ट्रैक, बेंच और अन्य सुविधाएं भी लोगों को दी जाएंगी।

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