कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद कृष्णम ने रविवार को कहा कि श्रीरामजन्मभूमि स्थल पर भव्य राममंदिर के निर्माण का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया जाना चाहिए। कृष्णम ने कहा कि यह सच है कि मंदिर का निर्माण उच्चतम न्यायालय के फैसले से हुआ है और श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण शुरु हुआ और सोमवार को उसकी प्राण प्रतिष्ठा है मगर यह भी सत्य है कि यदि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री न होते और उनकी जगह कोई अन्य प्रधानमंत्री होता तो संभवत: न्यायालय का फैसला न हो पाता और न ही जन्मभूमि स्थल पर राम मंदिर का निर्माण हो पाता।

यह मोदी की इच्छाशक्ति का परिणाम है कि इतने कम समय में भव्य राम मंदिर का निर्माण संभव हो सका है। इसलिए मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा के शुभ दिन का सर्वाधिक श्रेय वह नरेन्द्र मोदी को देना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान कितनी सरकारें आईं और गईं। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप), आरएसएस,बजरंग दल,संत महात्माओं का संघर्ष और बलिदान इस आंदोलन में है, मगर यदि मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं होते तो यह मंदिर नहीं बन पाता। गौरतलब है कि कल्कि धाम के पीठाधीश्वर कृष्णम श्रीराम मंदिर के निर्माण को लेकर भाजपा सरकार की सराहना करते रहे हैं। कई बार अपने बेबाक बयानो से उन्होंने अपनी ही पार्टी कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया है।

अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। अब हर किसी को प्रभु श्रीराम का इंतजार है। 16 जनवरी को विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो चुकी है और रामलला की मूर्ति भी गर्भगृह में रख दी गई है। 21 जनवरी तक हर दिन अलग-अलग विधि विधान से अनुष्ठान होंगे और 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

 

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