राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने लिवर और कैंसर की नकली दवाओं के कथित प्रचलन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) को नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि आयोग ने लिवर से संबंधित दवा ‘डेफिटालियो’ और कैंसर की दवा ‘एडसेट्रिस’ के कथित नकली संस्करण को लेकर यह नोटिस जारी किया गया है।
आयोग ने एक बयान में कहा कि मीडिया में आई खबरें अगर सच हैं तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है और यह चिंता का मामला है। बयान के मुताबिक, आयोग ने उस खबर का ‘स्वत: संज्ञान’ लिया है जिसमें कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अलर्ट के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने राज्य नियामकों, डॉक्टरों और मरीजों को दोनों दवाओं- ‘डेफिटालियो’ और ‘एडसेट्रिस’ को लेकर सतर्क रहने को कहा है, क्योंकि इन दवाओं के अलग-अलग नकली संस्करण भारत समेत चार देशों में प्रचलन में हैं।
इसमें कहा गया है कि आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और भारत के औषधि महानियंत्रक को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। बयान के अनुसार, रिपोर्ट में ‘डेफिटालियो’ और ‘एडसेट्रिस’ सहित जीवनरक्षक दवाओं के नकली संस्करणों की आपूर्ति और बिक्री रोकने के लिए प्रासंगिक कानूनों के कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति शामिल होनी चाहिए। इसमें कहा गया है कि चार हफ्ते में जवाब अपेक्षित है। 11 सितंबर को प्रकाशित खबर में कहा गया कि उत्पाद के लिए भारत और तुर्किये में विपणन मंजूरी नहीं है। बयान में कहा गया कि हालांकि भारत और तुर्किये में लिवर की दवा ‘डेफिटालियो’ के नकली संस्करण पाए गए हैं, जिनकी आपूर्ति विनियमित और अधिकृत तंत्र के बाहर से की गई थी।