आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का राजनीति में आने का चलन काफी पुराना है। कई अधिकारी तो चुनाव जीतकर सत्ता के शीर्ष पदों को पा चुके हैं। कुछ वर्षों के लिए यह चलन बंद हो गया था लेकिन 2014 से यह चलन एक बार फिर से शुरू हो गया, उस लोकसभा चुनाव में कई अधिकारियों ने चुनावी मैदान में उतरे। फिर 2019 में भी यही हाल रहा। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भी ये चलन बरकरार रह सकता है, जहां दो आईपीएस अधिकारी बिहार से सत्तारूढ़ भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।

असम के लखीमपुर जिले में तैनात पुलिस अधीक्षक आनंद मिश्रा ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बताया कि उन्हें सामाजिक कार्यों पर ध्यान देना है। बता दें कि हाल ही में केंद्र ने उन्हें मणिपुर हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच दल में नियुक्त किया गया था। इन दिनों असम-मेघालय के ये आईपीएस अधिकारी सोशल मीडिया छाए हुए हैं। युवाओं में इनका काफी क्रेज है। आनंद मिश्रा सोशल प्लेटफॉर्म पर खूब एक्टिव रहते हैं।

आनंद मिश्रा के अलावा विकास वैभव जो 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं उनकी नजर भी लोकसभा चुनाव पर है। वह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। विकास वैभव बिहार के बेगूसराय के रहने वाले हैं, जहां से अभी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सांसद हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने लेट्स इंस्पायर बिहार अभियान के तहत बेगूसराय में एक रैली भी की थी और 2047 तक एक विकसित बिहार अभियान की बात कही थी।

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