मुजफ्फरनगर। दुबई में नौकरी दिलाने के नाम पर नई मंडी कोतवाली इलाके के बझेड़ी और आसपास के 33 लोगों के साथ ठगी हुई है। दुबई की जुबैर मकसूद टैक्निकल सर्विसेज एलएलसी के एचआर सुमित कुमार पर असली वीजा भेजकर 32 लाख रुपये ज्यादा विभिन्न माध्यमों से लेने का आरोप है। बिचौलिया की भूमिका निभा रहे बझेड़ी निवासी सरफराज के मुताबिक इतनी मोटी रकम वसूलने के बाद अब आरोपी उन पर प्रति व्यक्ति 18700 दिरहम यानी चार लाख 20 हजार रुपये देने का दबाव बना रहा है। रकम नहीं देने पर आरोपी ने जहां टिकट कैंसिल करा दिए हैं, वहीं सभी वीजा कैंसिल कराने की भी धमकी दी। मामले की शिकायत पर एसएसपी संजीव सुमन ने सीओ नई मंडी हिमांशु गौरव को तत्काल जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। हैरत इस बात की है कि सभी 33 लोगों के वीजा और डिमांड लेटर तो असली है, लेकिन रकम ऐंठने के लिए पीड़ितों के पास जो टिकट भेजे गए थे, वो जांच करने पर नकली पाए गए हैं। कंपनी के एचआर सुमित कुमार ने पीड़ितों से जिस बैंक खाते में रकम ट्रांसफाई कराई है, वो ना तो कंपनी के नाम पर है और ही उसके नाम पर है। बैंक खाता किसी अनिल चौधरी के है, जो एक्सिस बैंक का है। सरफराज ने पुलिस को दी गई शिकायत में ये भी स्पष्ट किया है कि जुबैर मकसूद टैक्निकल सर्विसेज एलएलसी दुबर्ह यूनाइटेड अरब अमीरात की जानकारी उसे इंटरनेट के माध्यम से मिली थी। गूगल से ही इस कंपनी के एचआर सुमित कुमार के बारे में जानकारी और उसका व्हाट्सएप नंबर मिला था। व्हाट्सएप के जरिए ही उनकी अक्सर बातें हुई हैं। सरफराज का कहना है कि जब किसी ना किसी बहाने सुमित उनसे पैसों की मांग करने लगा तो उसे शक हुआ और उसने कंपनी के बारे में पड़ताल की, जिसमें पता लगा कि कंपनी भी सही है और उसका रजिस्ट्रेशन भी सही है। वहीं सभी वीजा भी असली ही पाए गए, लेकिन प्रति व्यक्ति मोटी रकम वसूले जाने के बाद भी उन्हें दुबई नहीं भेजा रहा है, बल्कि अब फिर से मोटी रकम की डिमांड की जा रही है, जो पूरे माजरे को शक के दायरे में लाकर खड़ा करता है। ठगी का शिकार हुए सरफराज का ये भी कहना है कि सभी वीजा अलग-अलग तारीखों के है, जिनकी तारीख निकल रही है। जिसके बाद उनका कोई वजूद नहीं रह जाएगा। वहीं दूसरी तरफ पूरी रकम सरफराज के माध्यम से ही ट्रांसफर की गई है। सभी 32-33 लोगों ने मांगी गई रकम सरफराज को दी थी और उसने ही सुमित द्वारा दिए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कराई थी। सारी औपचारिकताओं के बाद भी लोगों को जब जॉब के लिए दुबई नहीं भेजा गया तो उनके सब्र का बांध टूटने लगा और अब सभी लोग सरफराज पर पैसों की वापसी अथवा जॉब पर भेजे जाने का दबाव बना रहे हैं। सरफराज का कहना है कि इसकी वजह से वो बहुत अधिक मानसिक रुप से परेशान हैं। सरफराज बताते हैं कि व्हाट्सएप पर हुई बातचीत में एचआर सुमित ने खुद को मध्य प्रदेश का होना बताया था। जिस पर सरफराज इस लिए भी निश्चिंत हो गया था कि कंपनी का एचआर इंडियन ही है तो ऐसे में धोखाधड़ी होने के चांस कम ही है। नई मंडी सीओ हिमांशु गौरव का कहना है कि अभी मामले की जांच की जा रही है। जिस बैंक खाते में रकम ट्रांसफर किए जाने की बात कही जा रही है, उसके लिए बैंक से मदद ली जा रही है।