उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि होली के अवसर पर मार्च में उनकी सरकार एक बार फिर निशुल्क गैस सिलिंडर उपलब्ध करवाएगी। सीएम योगी ने धनतेरस के अवसर पर लोक भवन से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत प्रदेश के 1.75 करोड़ पात्र परिवारों के लिए निःशुल्क रसोई गैस सिलिंडर रिफिल वितरण अभियान की शुरुआत की। इस अभियान पर उप्र सरकार 2,312 करोड़ रुपए व्यय करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि होली के अवसर पर मार्च में उनकी सरकार एक बार फिर निशुल्क गैस सिलिंडर उपलब्ध करवाएगी, लेकिन इसके लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अपने बैंक खाते को आधार से लिंक करवाना होगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव-2022 के दौरान ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र’ में की गई एक और घोषणा को उनकी सरकार पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि 2014 के पहले लोगों को गैस का कनेक्शन नहीं मिल पाता था, कनेक्शन मिल जाती थी तो भी सिलेण्डर के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती थी। कई बार स्थितियां ऐसी हो जाती थी की पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ जाता था। उन्होंने कहा कि गरीब और वंचित व्यक्ति गैस कनेक्शन के बारे में सोच भी नहीं पाता था तथा महिलाओं को धुंए की वजह से कई बीमारियों का सामना करना पड़ता था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना की शुरुआत की तो देश से गैस की किल्लत समाप्त हुई, देखते ही देखते देश के अंदर नौ करोड़ 60 लाख परिवारों को पहली बार निशुल्क में गैस का कनेक्शन मिल पाया तथा लगभग 50 करोड़ लोग लाभान्वित हुए। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने एलपीजी के लाभार्थियों को 300 रुपए सब्सिडी की अलग से सौगात दी है। आज बिना किसी धांधली और चोरी के सब्सिडी का लाभ लाभार्थियों को मिल रहा है। आधार से लिंक होने के कारण सीधे उनके खाते में सब्सिडी का पैसा पहुंच रहा है।
CM योगी ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों और वंचितों को एलपीजी के रूप में स्वस्थ ईंधन उपलब्ध करवाकर प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी आंखों के साथ-साथ फेफड़ों को भी बचाने का कार्य किया है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 10 महिला लाभार्थियों को केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी की धनराशि प्रतीकात्मक तौर पर दी। इस दौरान कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, योगेश शुक्ल तथा भारत सरकार की तीन कंपनियों इंडियन ऑयल, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के प्रतिनिधि मौजूद थे।