दिल्ली बेसमेंट हादसे के बाद बिहार प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है।
पटना के डीएम ने करीब 20 हजार कोचिंग सेंटरों की जांच के आदेश दिए हैं। जांच आज (30 जुलाई) से शुरू हो रही है। डीएम चंद्रशेखर सिंह ने पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व में जांच के लिए छह टीमें गठित की गई हैं। जांच टीम के सदस्य अग्निशमन अधिकारी, बीईओ, सीओ और क्षेत्र के थानाध्यक्ष होंगे।
आदेश के अनुसार, टीम कोचिंग संस्थानों के रजिस्ट्रेशन, प्रवेश, निकास की व्यवस्था, सुरक्षा मानकों, बिल्डिंग बायलॉज, फायर सेफ्टी, इमरजेंसी हालात से निपटने की व्यवस्था की जांच करेगी। व्यवस्था ठीक नहीं होने पर जिला प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगी।
बता दें कि 27 जुलाई (शनिवार) को दिल्ली में ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके स्थित राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर गया था। जिसमें डूबने से यूपीएससी की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इन छात्रों की पहचान तानिया सोनी, श्रेया यादव और नवीन डेल्विन के रूप में हुई। तानिया सोनी का संबंध बिहार से ही था। वो बिहार के औरंगाबाद की रहने वाली थी। दिल्ली वो आईएएस बनने का सपना लिए आई थी और इसी को पूरा करने के लिए जी जान से जुटी थी।
राजेंद्र नगर थाने में इस मामले में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए राव आईएएस कोचिंग के मालिक और कोऑर्डिनेटर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, जहां से दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
वहीं, सोमवार को एमसीडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कोचिंग सेंटर के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया। दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर अश्वनी कुमार ने स्थानीय असिस्टेंट इंजीनियर को निलंबित कर दिया है, जबकि जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त किया है।
निलंबित किए गए असिस्टेंट इंजीनियर का नाम विश्राम मीणा और बर्खास्त जूनियर इंजीनियर का नाम विष्णु मित्तल है। इस हादसे में एमसीडी की यह पहली कार्रवाई है। दिल्ली पुलिस कोचिंग हादसे में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।