दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया है. राजधानी में पहली बार विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की कमान महिलाओं के हाथों में होगी. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जहां सरकार का नेतृत्व करेंगी, वहीं आतिशी सदन में विपक्ष की अगुवाई करेंगी.
दरअसल, दिल्ली विधानसभा साल 2015 और 2020 की तुलना में इस बार पूरी तरह से बदल गई है. इस बार बीजेपी के 48 और आम आदमी पार्टी के 22 विधायक हैं. इस बार सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष की भूमिका में आम आदमी पार्टी है.
बीजेपी विधायक दल की नेता चुने जाने के बाद रेखा गुप्ता दिल्ली की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं. वह सदन में अपनी पार्टी का नेतृत्व करेंगी. दूसरी ओर आप विधायक दल की बैठक में आतिशी को विपक्ष का नेता चुना गया है. अब सदन में प्रतिपक्ष के नेता के रूप में आप विधायक दल का नेतृत्व करेंगी.
सदन में सियासी नोकझोंक के आसार
रेखा गुप्ता के पास वर्षों का राजनीतिक अनुभव है, लेकिन वह पहली बार विधायक बनी हैं. ऐसे में उन्हें सरकार की कार्य प्रणाली समझने में थोड़ा समय लग सकता है. वहीं, आतिशी पहले ही विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री का दायित्व संभाल चुकी हैं, जिससे उन्हें सरकार की कार्यशैली की गहरी समझ है. ऐसे में विधानसभा में दोनों के बीच जोरदार बहस और तीखी राजनीतिक टकराहट देखने को मिल सकती है.
3 दिवसीय विधानसभा सत्र आज से
दिल्ली में नई सरकार के गठन के बाद 24 फरवरी 2025 को सुबह 11 बजे से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है, जो 27 फरवरी तक चलेगा. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के कारण अवकाश रहेगा. तीन दिवसीय सत्र के पहले दिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले सभी 70 विधायक नई विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेंगे.
उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के निर्देश पर प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए गए अरविंदर सिंह लवली नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे. विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होने तक लवली प्रोटेम स्पीकर के रूप में सदन की जिम्मेदारी संभालेंगे.