दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया कि 2.5 लाख रुपये तक की वाषिर्क आय वाले परिवारों के बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटा के तहत राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में प्रवेश ले सकते हैं। वर्तमान में यह राशि सीमा 5 लाख रुपए है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की खंडपीठ ने एकल पीठ द्वारा 5 दिसम्बर 2023 को जारी कुछ दिशानिर्देशों पर रोक लगा दी, जिसके तहत सरकार द्वारा तय आय सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर तब तक के लिए पांच लाख रुपये सालाना कर दिया गया था, जब तक राज्य सरकार संबंधित कानून में संशोधन न कर दे।

खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की अपील पर यह अंतरिम आदेश पारित किया।

एकल पीठ ने दिल्ली सरकार को माता-पिता द्वारा आय की स्व-घोषणा की व्यवस्था तुरंत खत्म करने और विद्यालयों में ईडब्ल्यूएस के लिए मुफ्त सीट जारी रखने के लिए एक उचित प्रारूप तैयार करने का भी निर्देश दिया था।

एकल पीठ ने कहा था कि दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय आय सत्यापन और पात्रता मानदंड की नियमित निगरानी के लिए एसओपी तैयार करेगा।

दिल्ली सरकार के वकील (सिविल) संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा, सीमा आय में अचानक वृद्धि से एक लाख रुपये तक की आय वाले परिवारों के योग्य उम्मीदवारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिससे संभावित रूप से ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत प्रवेश पाने की संभावना कम हो जाएगी।

उन्होंने दलील दी थी कि यह मनमाने तरीके से वृद्धि समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करती है और शिक्षा के अधिकार पर अनुचित प्रतिबंध लगाती है।

त्रिपाठी ने कहा, न्यूनतम आय सीमा को पांच लाख रुपये तक बढ़ाने से विशेष रूप से श्रमिकों के बच्चों के साथ अन्याय होगा और ईडब्ल्यूएस को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य में बाधा आ सकती है।

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