दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने बुधवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जो शहर में कोंिचग संस्थानों को विनियमित करने और छात्रों की समस्याओं के निवारण के लिए दिशानिर्देश तैयार करेगी।

यह कदम ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग संस्थान के ‘बेसमेंट’ में संचालित पुस्तकालय में पानी भरने से प्रशासनिक सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की मौत के मद्देनजर उठाया गया है।

समिति में कोचिंग संस्थानों, छात्रों और संबंधित विभागों के अधिकारियों के पांच से छह प्रतिनिधि शामिल होंगे।

इससे पहले एक संवाददाता सम्मेलन में आतिशी ने कहा था कि ”अंतरिम जांच रिपोर्ट आ गई है और एमसीडी की ओर से प्रारंभिक रिपोर्ट भी पेश कर दी गई है। कोचिंग सेंटर की घटना को लेकर 2 प्रमुख बातें जो सामने आईं, वो ये थीं कि उस इलाके में जलभराव का कारण नाला है।

वहां के सभी कोचिंग सेंटरों ने इस पर अतिक्रमण कर लिया था, जिसके कारण पानी नाले में नहीं जा रहा था। दूसरी बात यह है कि जिस तरह से कोचिंग सेंटर बेसमेंट में कक्षाएं चला रहे थे और लाइब्रेरी स्थापित की गई थी, वह 100 प्रतिशत अवैध था।”

आतिशी ने बताया कि जो जूनियर इंजीनियर वहां नाले के लिए जिम्मेदार था और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई अतिक्रमण नहीं है, उस जूनियर इंजीनियर को एमसीडी से स्थायी रूप से बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही सहायक इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है।

6 दिन में मजिस्ट्रेट रिपोर्ट आएगी और जो भी जिम्मेदार होंगे, उन्हें एमसीडी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन कोचिंग सेंटरों ने नालों पर कब्जा कर रखा था, उन अवैध कब्जों पर बुलडोजर चला दिया गया है। जो कोचिंग सेंटर बेसमेंट में क्लास चला रहे थे और लाइब्रेरी बना रहे थे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है पिछले 3 दिनों से एमसीडी के अधिकारी लगातार कोचिंग सेंटर की जांच कर रहे हैं और लापरवाही और गड़बड़ी पाए जाने पर उन्हें सील किया जा रहा है।

दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा, “हम छात्रों की मांगों को सुनेंगे, हम जल्द ही उनके साथ बैठक करेंगे और उसके बाद हम उनकी मांगों को लेकर नियम बनाएंगे जिसे दिल्ली सरकार पास करेगी और एमसीडी के हर विभाग में इसे लागू किया जाएगा।”

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