दिल्ली की एक अदालत ने जम्मू-कश्मीर में 11 आतंकी घटनाओं में कथित रूप से शामिल हिजबुल मुजाहिदीन के एक संदिग्ध आतंकवादी जावेद अहमद मट्टू को बुधवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया जबकि मामले के एक अन्य आरोपी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया।
दिल्ली पुलिस ने जावेद अहमद मट्टू को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ईशा सिंह के समक्ष पेश किया। उन्होंने दिल्ली पुलिस की ओर से दायर आवेदन पर मट्टू को 31 जनवरी तक के लिए जेल भेज दिया।
पुलिस ने बताया कि 10 लाख रुपये के इनामी आरोपी को दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके से गिरफ्तार किया गया, जब उसे पकड़ा गया था तब वह चोरी की एक कार में सवार था।
हालांकि, मजिस्ट्रेट ने पुलिस के एक आवेदन पर मोहम्मद रफी नज़र को रिहा करने का आदेश दिया, जिसमें कहा गया था कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
न्यायाधीश ने कहा, “आज की तारीख तक, आरोपी नज़र के खिलाफ कोई स्वीकार्य सबूत नहीं है और इसलिए, इस मामले में उसकी हिरासत का कोई आधार नहीं है।”
मामले में नज़र को मट्टू के बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। उसने दावा किया था कि नज़र प्रतिबंधित हिज़्बुल मुजाहिदीन के आर्थिक मामलों को देखता था।
पुलिस ने नज़र को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह एक अन्य मामले में बंद था। हालांकि, नज़र अपने खिलाफ दर्ज दूसरे मामले में सलाखों के पीछे रहेगा।
पुलिस ने बताया कि वह जम्मू-कश्मीर में अलग अलग घटनाओं में पांच ग्रेनेड हमलों और कम से कम पांच पुलिसकर्मियों की हत्या समेत 11 ज्ञात आतंकी हमलों में नामज़द है। पुलिस ने कहा कि मट्टू की अगुवाई में किए गए हमलों में दर्जनों पुलिस कर्मी भी जख्मी हुए।
पुलिस ने दावा किया कि वह अन्य आतंकी संगठन अल बद्र से भी जुड़ा हुआ है।
आखिर कौन है जावेद अहमद मट्टू?
बता दें कि जावेद अहमद मट्टू पर जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के संगीन आरोप हैं।
आतंकी मट्टू जम्मू कश्मीर के सोपोर का रहने वाला है। आतंकी जावेद मट्टू 2009 में हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा हुआ था।
मट्टू सुरक्षा एजेंसियों की टॉप 10 श्रेणी में शामिल था। मट्टू काफी समय से फरार चल रहा था और लंबे समय तक पाकिस्तान में रहा था।
जम्मू-कश्मीर में हुए 5 ग्रेनेड हमलों में भी उसकी संलिप्तता थी। इसके अलावा मट्टू अलग-अलग वारदातों में 5 पुलिसकर्मियों की हत्या में भी शामिल था।