मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को कांग्रेस ने निष्कासित कर दिया है। लक्ष्मण सिंह को 6 साल के लिए कांग्रेस से निकाल दिया गया है, क्योंकि लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी, उमर अब्दुल्ला, रॉबर्ट वाड्रा पर टिप्पणी की थी, जिसे अनुशासनहीनता माना गया। कांग्रेस से अलग होकर दोनों नेताओं के खिलाफ टिप्पणी करने के कारण लक्ष्मण सिंह पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियां करने के कारण ही पार्टी से निकाला गया है। राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा पर टिप्पणी के लिए लक्ष्मण सिंह को गत 9 मई को कारण बताओ नोटिस भी जारी हुआ था।

लक्ष्मण सिंह के निष्कासन का आदेश
लक्ष्मण सिंह ने क्या बयान दिए थे?
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर लक्ष्मण सिंह ने गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर उमर पर निशाना साधा और कहा कि उमर अब्दुल्ला भी आतंकियों के सहयोगी हैं, इसलिए कांग्रेस को नेशनल कॉन्फ्रेंस से अपना समर्थन वापस ले लेना चाहिए। राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ बयान देते हुए लक्ष्मण सिंह ने कहा कि इनका बचपना कब तक बर्दाश्त करेंगे। राहुल गांधी को कुछ भी बोलने से पहले सोच विचार कर लेना चाहिए।
लक्ष्मण सिंह ने मई 2022 में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर हार पर सवाल उठाए थे। गत 10 जून को लक्ष्मण सिंह ने लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हार पर जीतू पटवारी को घेरा था। लक्ष्मण सिंह ने चाचोड़ा को जिला बनाने की मांग भी की थी। वे चाचोड़ा को मध्य प्रदेश 53वां जिला बनाने की मांग करते हुए भाई दिग्विजय सिंह के घर के बाहर घरने पर बैठे गए थे। लक्ष्मण सिंह ने सांसदों, विधायकों और अधिकारियों की पेंशन बंद करने की मांग भी की थी।
इस बयान की वजह से गई सदस्यता
सूत्रों के अनुसार, दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को एक बयान के कारण कांग्रेस ने पार्टी से निलंबित किया। लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी को लेकर टिप्पणी की थी। लक्ष्मण सिंह ने कहा था कि राहुल गांधी को कुछ भी सोच समझकर बोलना चाहिए। उनके बोलने का नुकसान पार्टी को चुनाव में उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वे जो कहते हैं, सही कहते हैं, अब इसके लिए चाहे कांग्रेस उन्होंने पार्टी से निकाल दे, लेकिन जो कहा सही कहा है।