जिले में एक दरोगा को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते विजलेंस टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। उरूवा थाने में तैनात दरोगा सुनील यादव अपहरण के केस में फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए पीड़ित से 10 हजार रुपये घूस ले रहा था। तभी उसे विजलेंस की टीम ने मंगलवार की देर शाम को उरुवा के किशनपुर के पास से रंगे हाथ दबोच लिया। पकड़े जाने के बाद दरोगा ने खुद को छुड़ाकर भागने में टीम के साथ हाथापाई भी की। हालांकि दरोगा भाग नहीं पाया और विजलेंस की टीम उसे पकड़कर गोला थाने ले गई। जहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज कराया गया।

दरअसल, 2022 बैच का दरोगा सुनील यादव बलिया जिले के चितबड़ागांव इलाके के रामपुर चिटगांव का मूल निवासी है। वह कुछ महीने पहले ही चौरीचौरा से ट्रांसफर के बाद उरूवा थाने में आया था। सिकरीगंज निवासी शिकायतकर्ता राजेश कुमार ने SP विजलेंस से दरोगा के खिलाफ 20 जून को शिकायत की थी।
उसने दरोगा सुनील यादव पर बेटे के खिलाफ अपहरण के केस में फाइनल रिपोर्ट लगाने के बदले 50 हजार रुपए घूस मांगने का आरोप लगाया। शिकायतकर्ता का कहना था कि वह पैसा नहीं देना चाहता है उसका बेटा निर्दोष है। इस शिकायत पर विजलेंस SP ने दरोगा को रंगे हाथ पकड़ने के लिए एक ट्रैप टीम का गठन किया।
राजेश ने 10 हजार रुपए अपने दोस्त कुबेरनाथ दूबे से उधार लिया और दरोगा को 10 हजार रुपये की पहली किश्त देने की बात कही। बताया जा रहा है कि पैसा लेने के लिए दरोगा अपने साथी के साथ मंगलवार को शाम करीब 7:25 बजे उसके बताए स्थान पर किशनुपर पहुंचा। वहां चाय की दुकान पर दरोगा ने जैसे ही पैसा लिया टीम ने उसे रंगेहाथ दबोच लिया। विजलेंस टीम के पकड़ने की जानकारी के बाद उनसे खुद को छुड़ाने के लिए दरोगा ने हाथा-पाई भी की लेकिन वह भाग नहीं पाया।
साथी दरोगा के साथ घूस लेने गया था सुनील यादव
बताया जा रहा है कि सुनील यादव अकेले नहीं बल्कि साथी दरोगा के साथ पैसा लेने गया था। उसका साथी दरोगा कार में बैठा था और यह पैसा खुद लिया था। ऐसे में विजलेंस टीम ने उसे छोड़ दिया। हालांकि जब सुनील यादव ने हाथा-पाई शुरू की तब स्थानीय लोग जुटने लगे। विजलेंस टीम की जानकारी होने के बाद वह पीछे हट गए।

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