आरती कीजै रामचन्द्र जी की। हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की॥ पहली आरती पुष्पन की माला। काली नाग नाथ लाये गोपाला॥

विजयादशमी का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। आज 24 अक्टूबर 2023 को दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है। आज रावण दहन किया जाएगा। आपको बता दें अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था और माँ देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इसे असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है इसलिये इस दशमी को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग शस्त्र-पूजा करते हैं और नया कार्य प्रारम्भ करते हैं। इस दिन प्रतिवर्ष दशहरे पर रावण के पुतले का दहन किया जाता है, रावण वध को असत्य पर सत्य की विजय, अज्ञानता पर ज्ञान की विजय का प्रतीक माना जाता है। दशहरा के दिन जरूर करें  श्री राम की आरती

भगवान राम जी की आरती (Bhagwan Ram ji ki aarti lyrics in hindi)

आरती कीजै रामचन्द्र जी की।

हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की॥

पहली आरती पुष्पन की माला।

काली नाग नाथ लाये गोपाला॥

दूसरी आरती देवकी नन्दन।

भक्त उबारन कंस निकन्दन॥

तीसरी आरती त्रिभुवन मोहे।

रत्‍‌न सिंहासन सीता रामजी सोहे॥

चौथी आरती चहुं युग पूजा।

देव निरंजन स्वामी और न दूजा॥

पांचवीं आरती राम को भावे।

रामजी का यश नामदेव जी गावें॥

दशहरा आरती  (Dussehra Aarti)

श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम्

नवकंज-लोचन, कंज-मुख, कर कंज, पद कंजारुणम्

कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनील-नीरद सुंदरम्

पट पीत मानहु तड़ित रुचि शुचि नौमि जनक-सुतानरम्

भजु दीनबंधु दिनेश दानव-दैत्य-वंश-निकंदनम्

रघुनंद आनँदकंद कोशलचंद दशरथ-नंदनम्

सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अंग विभूषणम्

आजानुभुज शर-चाप-धर, संग्राम-जित-खर-दूषणम्

इति वदति तुलसीदास शंकर-शेष-मुनि-मन रंजनम्

मम् हृदय-कंज-निवास कुरु, कामादि खल-दल-गंजनम्

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