उत्तर प्रदेश में बदलते मौसम ने जहां राहत दी है, वही दूसरी तरफ डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी है। बरसात के मौसम में डेंगू के मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है। विभाग हुआ अलर्ट
डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं है। प्रदेश के अस्पतालों में अच्छी मात्रा में दवाएं साथ ही निःशुल्क इलाज की व्यवस्था है। सभी सीएचसी व पीएचसी पर भी डेंगू से निपटने के इंतजाम है।
तेज बुखार अथवा अन्य लक्षण दिखते ही तुरंत जांच कराएं। सभी अस्पतालों को डेंगू की रोकथाम के निर्देश दे दिए गए हैं। अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान ना दें।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के अस्पतालों में प्लेटलेट्स, रक्त और बेड की कोई कमी नहीं है। सभी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जरूरत पड़ने पर डेंगू के मरीजों को भर्ती करें।
मौसम बदलने की वजह से लोगों को वायरल बुखार भी आ रहा है। अगर लक्षण दिखाई देते हैं तो डेंगू की जांच जरूर कराएं। अफवाहों पर कोई ध्यान न दें।
उपमुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे डेंगू का प्रसार रोकने के लिए अपने स्तर पर भी प्रयास करें। कहीं पर भी पानी जमा न होने दें। इसी पानी में डेंगू के मच्छर पनपते हैं।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग एवं नगर विकास विभाग लगातार मिलकर कार्य कर रहे हैं। साफ-सफाई के साथ एंटी लार्बल स्प्रे, फॉगिंग, डेंगू बचाव के प्रति जागरुकता अभियान आदि चलाए जा रहे हैं।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि हर बुखार डेंगू बुखार नहीं होता है। रक्त में प्लेटलेट की कमी होना डेंगू बुखार की पुष्टि नहीं करता है, वायरल बुखार में भी प्लेटलेट में कमी आती है। बुखार होने पर आसपास के सरकारी अस्पताल में इलाज कराएं।
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की सलाह के मुताबिक तरल पदार्थ लें। धीरे- धीरे प्लेटलेट बढ़ जाती हैं। मच्छरदानी का प्रयोग करते हुए आराम करें। गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। कूलर, पानी की टंकी, पुराने टायर आदि की सफाई रखें। डेंगू से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।