यमुना नदी का पानी आगरा स्थित विश्वप्रसिद्ध ताजमहल की दीवारों तक पहुंच गया है। हालांकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का कहना है कि बढ़े हुए जलस्तर से ताजमहल को कोई खतरा नहीं है। उल्लेखनीय है कि ताजमहल की दीवार तक यमुना का पानी केवल 1978 और 2010 में पहुंचा था। अधिकारियों के अनुसार, यमुना का जलस्तर 499 फीट के ‘मध्यम बाढ़ स्तर’ को पार कर गया है। मंगलवार को यहां जलस्तर 499.97 फीट तक पहुंच गया, जिसके कारण पानी ताजमहल की दीवारों के करीब आ गया और स्मारक के पीछे बना बगीचा जलमग्न हो गया।

मिली जानकारी के मुताबिक, ताजमहल के संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि वर्ष 2010 में और उससे पहले 1978 में यमुना का पानी ताजमहल की दीवारों तक पहुंचा था। वर्ष 1978 की बाढ़ में पानी स्मारक के तहखाने के कमरों में घुस गया था। उन्होंने कहा कि इस साल भी पानी ताजमहल तक पहुंच गया है, लेकिन इससे स्मारक को कोई खतरा नहीं है। मुख्य मकबरा एक ऊंचे चबूतरे पर बना है। यह चमेली फर्श पर खड़ा है, और इसकी नींव में 42 कुएं हैं और कुओं के ऊपर साल की लकड़ियों की संरचना हैं। अधिकारी ने बताया कि चमेली फर्श लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बनाया जाता है।

 

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