भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना की आलोचना करना सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण या आलोचना करने जैसा नहीं है तथा इस पर निर्वाचन आयोग का निर्देश गुमराह करने वाला है।
राजा ने यह भी कहा कि आयोग को उन भाजपा नेताओं पर ध्यान देना चाहिए जो संविधान को बदलने की खुली मांग कर रहे हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘अग्निपथ-अग्निवीर योजना पर निर्वाचन आयोग के निर्देश भ्रामक हैं और नीतियां बनाने में राजनीतिक दलों के विशेषाधिकार का अतिक्रमण करने वाले हैं।
अग्निपथ योजना सेना के जवानों की भर्ती का एक तरीका है। अग्निपथ योजना की आलोचना करना या उसे खत्म करने का वादा करना बिल्कुल भी राजनीतिकरण या सशस्त्र बलों की आलोचना नहीं है।’’
निर्वाचन आयोग ने बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव में जाति, समुदाय, और धर्म के आधार पर प्रचार करने से बचने की नसीहत दी और कहा कि चुनावों में देश के सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी सकती। आयोग ने कांग्रेस से सुरक्षा बलों का राजनीतिकरण नहीं करने और सशस्त्र बलों की सामाजिक आर्थिक संरचना के बारे में विभाजनकारी बयान नहीं देने को कहा।