भारत की नई संसद भवन में मंगलवार को कामकाज शुरू हो गया। पहले ही दिन केंद्र सरकार ने नई संसद के नए लोकसभा सदन में महिला आरक्षण बिल पेश किया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई राजनीतिक दलों ने आपसी मतभेद को दरकिनार करके लोकसभा और देश की विधान सभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाले विधेयक ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम- 2023 का समर्थन किया है।
हालांकि, जब अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह सरकार के सरकार में महिला आरक्षण बिल को पेश किया था तब सपा के सांसदों ने सदन के अंदर बिल पेश करते कॉपी छीनकर फाड़ दी थी। ऐसे हरकत करने वाले सांसदों की पार्टी समाजवादी ने अभी तक अपना स्टैंड साफ नहीं किया।
बुधवार को समाजवादी पार्टी की तरफ से लोकसभा में बोलने के लिए खड़ी हुई सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सपा का हमेशा से स्टैंड रहा है। महिला आरक्षण में पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को भी मौका मिले।
डिंपल यादव ने कहा कि जब सरकार के 10 साल पूरे होने जा रहे हैं तो उन्हें महिला आरक्षण की याद आ रही है। उन्होंने सवाल पूछा कि जनगणना कब होगी ? सरकार जाति जनगणना कराएगी या नहीं कराएगी ? परिसीमन कब होगा क्योंकि उसके बाद ही आरक्षण लागू करने की बात कही गई है।
उन्होंने सवाल उठाया कि लोकसभा और विधानसभाओं में यह महिला आरक्षण बिल तो लागू होगा। लेकिन, क्या राज्यसभा और विधान परिषदों में यह आरक्षण लागू होगा ? क्या आने वाले लोकसभा चुनाव में यह आरक्षण लागू हो पाएगा की नहीं ? क्या आने वाले पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में यह लागू हो पाएगा या नहीं ?