झारखंड में आज से विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है। इसको लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, लेकिन विपक्ष ने बैठक का बहिष्कार किया।

कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने बताया कि सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं क्योंकि इसका संकेत आज सर्वदलीय बैठक में मिला, जहां विपक्ष अनुपस्थित रहा। उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि सत्ता पक्ष कोई सकारात्मक रुख रखने वाली है।

वहीं, विपक्ष इसको राजनीतिक मंच के रूप में उपयोग करना चाहता है। हम सब जो जनता के हितकारी मुद्दे हैं, कल्याणकारी योजनाएं हैं, जनता के हित में जिसे हमने पांच वर्ष में करने की कोशिश की उन मुद्दों को लेकर खड़ा होना चाहते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “मुख्यमंत्री ने तमाम विधायकों को निर्देश दिया है कि हम उन मुद्दों को लेकर सीना तान के खड़े रहें ताकि विपक्ष सदन को राजनीतिक मंच बनाकर हाईजैक ना कर सके। भारतीय जनता पार्टी का अंतिम हथियार हिंदू-मुसलमान का है। यहां के मुसलमान को बांग्लादेशी कह देना। वे इसको राजनीतिक हथियार बनाना चाहते हैं।”

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा, “विपक्ष को चाहिए कि जिस प्रकार से उन्होंने लोकतंत्र के इस पवित्र मंदिर का पिछले साढ़े चार साल में अपमान किया। उसकी मर्यादा को तार-तार किया और अपनी विश्वसनीयता को भी तार-तार किया, कम से कम सदन में लोकहित की बात को उठाएं। हम जनता से जुड़े हुए सभी मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए तैयार है।”

बता दें कि झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं। जहां विपक्ष सरकार के लगभग पांच साल के कार्यकाल की कमियों और नाकामियों का लेखा-जोखा सदन के द्वारा जनता के सामने लाने का काम करेगा, वहीं सत्ता पक्ष ने भी इसको लेकर के आज देर शाम मुख्यमंत्री आवास में बैठक कर अपनी रणनीतियों को अमली जामा पहनाया।

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