बिहार में अररिया जिले की एक जेल के अंदर 32 वर्षीय एक विचाराधीन कैदी फांसी पर लटका मृत पाया गया। जेल अधीक्षक जवाहर लाल प्रभाकर ने बताया कि मृतक ने एक ‘‘सुसाइड नोट” छोड़ा है। उनके अनुसार वह नशीले पदार्थों के एक मामले का आरोपी था। उन्होंने कहा कि इस मामले में कर्तव्यहीनता को लेकर संबंधित वार्डन को निलंबित कर दिया गया है और होम गार्ड जवान के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
जेल अधीक्षक ने कहा, ‘‘मृतक अमित भगत जिले के पटेल नगर इलाके का रहने वाला था। वह 15 मई से एनडीपीएस अधिनियम के एक मामले में जेल में था।” उन्होंने कहा, ‘‘शुक्रवार को, भगत का शव उसके सेल की खिड़की की ग्रिल से फांसी के फंदे पर लटका हुआ पाया गया। सुसाइड नोट में उसने कहा कि भारी कर्ज में डूबने के कारण वह काफी मानसिक तनाव में था।” जेल अधीक्षक ने कहा, ‘‘यह घटना तब हुई जब अन्य कैदी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित योग शिविर में भाग ले रहे थे। चूंकि यह प्रथम दृष्टया वार्डन ललन मंडल की गलती थी, इसलिए उन्हें निलंबित कर दिया गया है।”
जेल अधीक्षक ने कहा, ‘‘होमगार्ड जवान चंदेश्वर मेहता के खिलाफ भी कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।” इस बीच पुलिस अधीक्षक राम पुकार सिंह ने कहा, ‘‘शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर सभी पहलुओं से आगे की जांच की जाएगी।”