पश्चिमी जापान में एक के बाद एक आए भूकंप के कई झटकों में बुधवार तक कम से कम 62 लोगों की मौत हो गई। बचावकर्मी क्षतिग्रस्त इमारतों के मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
जापान के इशिकावा प्रांत और आसपास के इलाकों में 7.6 तीव्रता के भूकंप के बाद भी दो दिन तक भूकंप के झटके महसूस किए गए।
कुछ क्षेत्रों में पानी, बिजली और फोन सेवाएं अब भी बंद हैं। स्थानीय निवासी तबाह हुए घरों और अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
अपने घर के आसपास से मलबा हटाने में लगी इशिकावा निवासी मिकी कोबायाशी ने कहा,‘‘ दीवारें ढह गई हैं मुझे नहीं लगता कि घर अब रहने लायक है।’’
उन्होंने कहा कि 2007 में भी भूकंप में उनका घर क्षतिग्रस्त हो गया था।
इशिकावा के प्रांतीय अधिकारियों के अनुसार,वाजिमा शहर में 29 लोगों की मौत हुई है जबकि सुजु में 22 लोगों की जान चली गई। वहीं, आसपास के प्रांतों में दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
आपदाओं में विशेषज्ञता रखने वाले ‘यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो’ के प्रोफेसर तोशिताका कटाडा ने कहा कि इस क्षेत्र में हाल के वर्षों में कई बार भूकंप आए हैं जिस कारण लोग इस आपदा के लिए तैयार थे।
उनके पास बच निकलने की योजना और आपातकालीन स्थिति में उपयोग के लिए सामग्री थी।
उन्होंने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, “धरती पर संभवतः ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जो जापान के लोगों की तरह आपदा के लिए तैयार हो।”
जापान भूकंप और ज्वालामुखी के लिहाज से संवेदनशील इलाके में स्थित है।