संभल हिंसा को लेकर राजनीतिक पार्टियां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर लगातार हमलावर है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक शिवपाल यादव ने करारा हमला बोला। उन्होंने संभल हिंसा को लेकर सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि संभल हिंसा को लेकर पार्टी प्रतिनिधिमंडल संभल जाने वाला था लेकिन प्रशासन ने उसे जाने से रोक दिया। शिवपाल ने आरोप लगाया कि भाजपा संभल हिंसा का सच छिपाना चाहती है। शिवपाल यादव ने कहा कि यह पूरी तरह से सोची-समझी साजिश के तहत भड़काई गई हिंसा का मामला है। भारतीय जनता पार्टी इस पूरे मामले में संलिप्त है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने घटना को जानबूझकर भड़काया। उन्होंने कहा कि संभल में जानबूझकर दंगे कराए गए। इसे रोकने की कोई रणनीति उनके पास नहीं थी।
आप को बता दें कि उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के दो सदस्य शनिवार को मुरादाबाद पहुंचे और रविवार को उनके द्वारा संभल का दौरा करने की संभावना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि, “आयोग के दो सदस्य शनिवार को मुरादाबाद पहुंचे। तीसरे सदस्य रविवार को संभल जाते समय उनसे मिलकर अपना योगदान देंगे।
उप्र सरकार ने संभल मामले की जांच के लिए 28 नवंबर को गठित न्यायिक आयोग को अधिसूचना की तारीख से दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। संभल में कोट गर्वी क्षेत्र में शहर की शाही जामा मस्जिद के अदालत के आदेश पर किए गए सर्वेक्षण को लेकर टकराव के बाद चार लोगों की मौत हो गई और पुलिसकर्मियों सहित करीब 25 लोग घायल हो गए।
एक याचिका में दावा किया गया है कि उस स्थान पर एक समय हरिहर नाथ मंदिर था। उप्र के अपर मुख्य सचिव (गृह) दीपक कुमार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार संभल हिंसा के लिए गठित जांच आयोग के अध्यक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार अरोड़ा हैं, जबकि अन्य सदस्यों में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन शामिल हैं। आयोग इस बात की जांच करेगा कि यह घटना स्वतःस्फूर्त थी या सुनियोजित आपराधिक साजिश का हिस्सा थी।