इंदौर। शहर कांग्रेस के मुख्य अध्यक्ष की नियुक्ति के अभी कोई अते-पते नहीं है, लेकिन कार्यकारी अध्यक्ष बनने के लिए नेताओं की कतार लगने लगी है। इसमें हर वर्ग के नेता शामिल हैं, किंतु कार्यकारी अध्यक्ष जातिगत आधार पर ही बनाया जाएगा। अगर मुख्य अध्यक्ष सामान्य वर्ग से बनाया जाता है तो कार्यकारी अध्यक्ष के लिए पिछड़े और एससी-एसटी वर्ग के नेताओं की लॉटरी खुल सकती है। कारण मुुख्य अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर सामान्य वर्ग के नेताओं में घमासान होना है।
गांधी भवन में शहर कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी को खाली हुए आज पूरे तीन महीने हो गए हैं, क्योंकि 22 जनवरी को शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल को हटाकर अरविंद बागड़ी की ताजपोशी की गई थी। विरोध होने पर पदभार ग्रहण करने के बाद एक घंटे के लिए अध्यक्ष बने बागड़ी की नियुक्ति होल्ड पर रख दी गई। कुर्सी के लिए अध्यक्ष रह चुके बाकलीवाल, बागड़ी, गोलू अग्निहोत्री और सुरजीत सिंह चड्ढा में घमासान चल रहा है। इनके साथ ही अमन बजाज भी अध्यक्ष बनने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।
अब इनमें से किसकी ताजपोशी होगी इसका फैसला दिल्ली से होना है। अब यह कब होगा किसी को पता नहीं, क्योंकि अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ से लेकर प्रदेश प्रभारी जय प्रकाश अग्रवाल जल्द ही फैसला होने की बात कई बार कह चुके हैं पर कुछ नहीं हो रहा है। ऐसे में शहर कांग्रेस के मुख्य अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर अभी जानकारी नहीं है, किंतु कार्यकारी अध्यक्ष बनने के लिए नेताओं की कतार लगने लगी है। पिछले दिनों जब प्रदेशाध्यक्ष नाथ इंदौर प्रवास पर आए थे, तब उनके सामने भी कुछ कांग्रेसियों ने यह बात रखी थी। इस पर उन्होंने विचार कर फैसला लेने को कहा था।
इधर, शहर कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष को लेकर अब एक नया मोड़ आ गया है जो कि जातिगत आधार पर कार्यकारी अध्यक्ष बनाने को लेकर है। अगर मुख्य अध्यक्ष सामान्य वर्ग से बनाया जाता है तो कार्यकारी अध्यक्ष के लिए पिछड़े और एससी-एसटी वर्ग के नेताओं की लॉटरी खुल सकती है। कारण मुुख्य अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर जिन नेताओं बाकलीवाल, बागड़ी, अग्निहोत्री, चड्ढा और बजाज में घमासान चल रहा है, वह सभी सामान्य वर्ग में आते हैं। इनमें से किसी के शहर अध्यक्ष बनने पर जातिगत समीकरण बैठाते हुए कांग्रेस पिछड़े और एससी-एसी वर्ग से कार्यकारी अध्यक्ष बना सकती है। इसके चलते कार्यकारी अध्यक्ष बनने के लिए देवेंद्र सिंह यादव, अभय वर्मा, दिलीप कौशल, मुकेश यादव और गजेंद्र वर्मा सहित अन्य कई नेता लाइन में लगे हुए हैं। अब देखना है कि इनमें से कौन कार्यकारी अध्यक्ष बनेगा इसका फैसला मुख्य अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद ही होगा।